खुले दरबार में एसडीएम ने सुनी शिकायतें
संवाद सूत्र, रानिया : रानिया खंड के गाव मेहनाखेड़ा व घोड़ावाली में जिला प्रशासन ने खुला दरबार लगाया। ज
संवाद सूत्र, रानिया : रानिया खंड के गाव मेहनाखेड़ा व घोड़ावाली में जिला प्रशासन ने खुला दरबार लगाया। जिला उपायुक्त के न पहुंचने पर एसडीएम ऐलनाबाद धीरेद्र खड़गटा को खुला दरबार लगाना पड़ा। इस अवसर पर उनके साथ खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी संदीप भारद्वाज, तहसीलदार अभिषेक कुमार, मार्केट कमेटी सचिव दीपक कुमार, वन विभाग से मोहनलाल इदोलिया सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे। दोनों गावों के लोगों को मुख्यअतिथि के रूप में जिला उपायुक्त के पहुचने की सूचना दी गई मगर मेहना खेड़ा में 45 मिनट देरी से एसडीएम के पहुचने के लोगों में निराशा छा गई। गाव मेहणा खेड़ा के लोगों ने 44 शिकायतें एसडीएम तक पहुचाई जिन्हे तत्काल अलग अलग विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों को आगामी कार्रवाई के लिए सौंप दी।
इसी प्रकार गाव घोड़ावाली की सरपंच उषा रानी ने गाव के स्कूल में खुला दरबार लगाए जाने के पूरे प्रबंध करवाए। गाव के लोगों ने अवैध कब्जा हटाने, पेंशन, खाल निर्माण आदि कई समस्याएं रखी जिन्हे निपटाने के लिए संबधित विभाग को सौंप दिया। दोनों की खुले दरबारों में सबसे ज्यादा शिकायतें बिजली विभाग की रही, पुलिस विभाग की शिकायत भी उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का मौका मिला।
विकलाग की शिकायत पर पड़ी डाट
गाव मेहणा खेड़ा की शकुंतला के 100 फीसदी विकलाग पुत्र को पिछले पांच साल से कोई पेंशन न मिलने पर खुला दरबार में शिकायत लेकर पहुंची। विकलाग की मा की शिकायत पर एसडीएम ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने शकुंतला के पुत्र के सभी कागजात चेक किए जिसमें 16 अगस्त 2010 को 100 प्रतिशत विकलाग होने का प्रमाण पत्र बना हुआ है लेकिन विभाग ने आज तक कोई सुनवाई नहीं की। एसडीएम ने इसे गम्भीरता से लिया है जिसके कारण उन्हे उम्मीद हुई है कि उनके बच्चे को ट्राई साइकिल व पेंशन मिल जाएगी।
घोड़ावाली के लीलू को भी मिलेगी पेंशन
खुला दरबार में एसडीएम धीरेद्र खड़गटा ने विकलागों की खूब सुनी। घोड़ावाली के लीलूराम को भी पेंशन दिए जाने व रेडक्रॉस सोसाइटी से भी आर्थिक मदद के आदेश दिए है। आर्थिक सहायता दिए जाने व पेंशन लागू करने के आदेश सुनकर लोगों ने प्रशासन का आभार जताया।
दरबार में कितनी आई शिकायतों को नहीं है लेखाजोखा
जिला प्रशासन द्वारा गाव मेहणाखेड़ा व घोड़ावाली में लगाए गए खुला दरबार में किस विभाग से संबंधित कितनी शिकायतें एसडीएम तक पहुंची इस बात का रिकार्ड किसी ने नहीं बनाया। जिला प्रशासन की ओर से इस प्रकार का कोई प्रबंध नहीं किया गया कि कुल कितनी शिकायतें आई तथा किस किस विभाग से संबंधित कितनी शिकायतें आई। अब सवाल यह उठता है कि इस खुला दरबारों में आई शिकायतों का बयोरा मुख्यमंत्री तक कैसे भेजा जाएगा।