रिलेशनशिप के बाद बिगड़ा मामला, परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा युवक
जागरण संवाददाता, सिरसा : जिला प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे परिवार परामर्श केंद्र में एक अनोखा मामला
जागरण संवाददाता, सिरसा : जिला प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे परिवार परामर्श केंद्र में एक अनोखा मामला पहुंचा। एक युवक ने शिकायत देकर आरोप लगाया कि एक विवाहिता ने दोस्ती की आड़ में उससे धोखा किया। इसलिए उसने परिवार परामर्श केंद्र से मदद की गुहार लगाई है।
गाव पक्का शहीदा निवासी संदीप कुमार ने परिवार परामर्श केंद्र में शिकायत देकर कहा कि वर्ष 2014 में दशहरे वाले दिन उसकी एक विवाहिता से 'अटैचमेंट' हो गई और दोनों इकट्ठे रहने लगे। युवक ने कहा कि एक दिन वह अपने माता-पिता से मिलने गाव गया तो उक्त विवाहिता उसके पीछे घर जा पहुंची और युवक तथा स्वयं को जान से मारने की धमकी देने लगी। उसने बताया कि स्वयं को अविवाहित बताने वाली उक्त महिला विवाहित निकली और इसी प्रकार दो-तीन अन्य परिवारों को भी खराब कर चुकी है। युवक ने मदद की गुहार लगाई।
इस शिकायत के आधार पर परिवार परामर्श केंद्र की काउसलर सुरिद्र कौर ने जाच की तो सामने आया कि उक्त युवक की शिकायत ठीक है तथा पहले भी उक्त विवाहिता का चरित्र इसी प्रकार का रहा है। जाच में विवाहिता के पति का परिवार भी मिल गया और उसके पति ने माना कि ऐसा संभव है। इतना ही नहीं विवाहिता के पति ने बताया कि उसकी पत्नी बिना बताए घर से लापता हो गई तथा वापस नहीं लौटी। अब उक्त महिला के पति ने भी तलाक लेने का फैसला किया है।
यूं हुई थी दोस्ती
युवक ने शिकायत में बताया कि वह टाटा-एस चलाता है और सामान छोड़ने के लिए मानसा गया था। इस दौरान वह उक्त महिला के संपर्क में आया और उक्त महिला ने भी सामान छोड़ने की बात कही। इस दौरान वापस सिरसा आते समय उक्त महिला भी उसके साथ आ गई और बस स्टैंड पर आकर घर न होने की बात कही। इस पर युवक ने उसे अपने पास रख लिया। इस पर वह दोनों संपर्क में आए और दोनों की दोस्ती हो गई। बाद में युवक महिला के साथ ही रहने लगा। इसके बाद एक दिन वह घर गया तो उक्त महिला उसके पीछे घर पहुंच गई और गर्भवती होने की बात कही और घर रखने की माग की।
झूठे निकले विवाहिता के आरोप
'युवक के खिलाफ पुलिस में दी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया कि उक्त युवक के कारण वह गर्भवती हो गई है। इसकी जाच की गई तो पता चला है कि उक्त विवाहिता गर्भवती नहीं है। इसके बाद यह मामला महिला संरक्षण अधिकारी के पास भेजा गया। लेकिन उन्होंने इस मामले में लड़की को दोषी न मानकर 376 का पर्चा दर्ज करने या फिर मुआवजा दिलाने की बात कही है।'
- सुरिद्र कौर, काउसलर, परिवार परामर्श केंद्र।
'देखिए, युवक विवाहिता के साथ रह चुका है, इसलिए यह तो स्पष्ट हो चुका है। इसलिए उक्त महिला की ओर से मागा गया मुआवजा मेरे हिसाब से उचित है। लेकिन आरोपी युवक के परिवार के सदस्य मुआवजा देने को तैयार नहीं है, इसलिए यह मामला न्यायालय को रेफर किया जाएगा।'
- साधना मित्तल, महिला संरक्षण अधिकारी।