देवर को पीट-पीट कर मार डाला
संवाद सूत्र, रोड़ी : गाव नागोकी में बुधवार रात्रि को एक महिला ने साथियों के साथ मिलकर अपने ही देवर की
संवाद सूत्र, रोड़ी : गाव नागोकी में बुधवार रात्रि को एक महिला ने साथियों के साथ मिलकर अपने ही देवर की हत्या कर दी। इस संबंध में पुलिस ने महिला सहित आठ लोगों के विरुद्ध मारपीट व हत्या का मामला दर्ज कर जाच शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गाव अलीका निवासी सुक्खा सिंह का बड़ा भाई बिंदर सिंह हत्या के मुकदमे में राजस्थान जेल में सजा काट रहा है। बताया जा रहा है कि बिंदर सिंह की पत्नी वीरपाल कौर का अपने देवर सुक्खा सिंह के साथ काफी समय से मनमुटाव चल रहा था जिसके चलते वह नागोकी निवासी गुरजीत सिंह उर्फ गीत्ता के पास आती जाती थी और पिछले दो माह से वह नागोकी में ही ढाणी खजान सिंह में रहती थी। पुलिस को दिए ब्यान में बताया गया है कि सुक्खा सिंह अपने दो अन्य साथियों के साथ रात्रि के समय गाड़ी लेकर नागोकी में वीरपाल को लेने गुरजीत सिंह के घर गया था जहा उनमें झगड़ा हो गया और जिसके चलते गुरजीत सिंह व अन्य लोगों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी इसी दौरान वीरपाल कौर ने अपने देवर सुक्खा सिंह का गला दबा दिया और अन्य लोग उसे लाठियों से पीटते रहे जिससे गंभीर रूप से घायल हुए सुक्खा सिंह को बड़ागुढ़ा के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहा उसकी मौत हो गई। इस झगड़े में मृतक के साथी जंटा सिंह व वीरपाल के पुत्र लाभ सिंह निवासी अलीका को चोटें आई है। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। बड़ागुढ़ा पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिये सिरसा सामान्य अस्पताल भिजवाया।
इस संबंध में पुलिस ने जंटा सिंह के ब्यान पर वीरपाल कौर व गुरजीत सिंह के अतिरिक्त अन्य 7 लोगों के खिलाफ मारपीट व हत्या करने के आरोप में विभिन्न धाराओं के अभियोग दर्ज किया है। आरोपी वीरपाल कौर का एक 11 वर्षीय बेटा लाभ उर्फ रोडु है जोकि सुक्खा सिंह के पास रहता था।
पहले भी हो चुकी है वीरपाल की शादी
सूत्रों से पता चला है कि वीरपाल कौर की पहले भी एक शादी रतिया के गाव नंगल में हुई है व मायका जिला मानसा के गाव उड्डत सैदेवाला बोहा के नजदीक है। जिसके पहली शादी के दो बच्चे भी है। अलीका निवासी बिन्दर सिंह के साथ 13 वर्ष से पत्नी के रूप में रह रही थी। बिन्दर के जेल जाने के बाद सुखा व वीरपाल में लड़ाई झगड़ा रहता था सुखा व वीरपाल में कई वार रातों को घर से बाहर रहने पर मारपीट भी होती रहती थी। प्रत्यक्ष लोगों के अनुसार मृतक सुखा व उसके साथी से बड़ी बेरहमी के साथ मारपीट की गई है जिस कारण सुखा के कई गंभीर चोटे आई जिस कारण अस्पताल ले जाते समय बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मृतक के शरीर के कई कई अंग टूट चुके थे। राम की लड़ाई में वीरपाल के पुत्र 11 वर्षीय लाभ के भी चोटे आई हैं।