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उफ् ,हादसे ने तड़पाया और सर्दी ने ली जान

जागरण संवाददाता, सिरसा : जिदंगी की मोड़ पर साथ छोड़ दे कहा नहीं जा सकता है और दर्द तब और बढ़ जाता ह

By Edited By: Published: Sun, 21 Dec 2014 01:15 AM (IST)Updated: Sun, 21 Dec 2014 01:15 AM (IST)
उफ् ,हादसे ने तड़पाया और सर्दी ने ली जान

जागरण संवाददाता, सिरसा :

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जिदंगी की मोड़ पर साथ छोड़ दे कहा नहीं जा सकता है और दर्द तब और बढ़ जाता है जब पहली मौत को मात देने के बाद फिर मौत जकड़न ले। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार रात्रि को देखने को मिला। शहर से गाव जा रहा टै्रक्टर सवार पहले हादसे की चपेट में आ गया, उसमें जान बच गई थी लेकिन ठड ने नहीं बक्शा। पूरी रात सड़क किनारे तड़पता रहा और सुबह होते-होते उसकी मौत गई। पुलिस को जानकारी दी गई तो पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गाव बेगू के पास सड़क हादसे में घायल की ठड में पूरी रात पड़े रहने के कारण मौत हो गई। गाव बेगू निवासी सोमनाथ टै्रक्टर चलाता था। बताया जा रहा है कि सोमनाथ शुक्रवार को शहर आया था और ट्रॉली में लकड़िया लादकर वापस लौट रहा था। परिजनों ने बताया कि उसे रात्रि के समय घर लौटना था लेकिन वह पूरी रात नहीं लौटा। सुबह परिजनों ने तलाश शुरू की तो रास्ते में टै्रक्टर-ट्रॉली सड़क के एक ओर धसी हुई मिली तथा पास ही सोमनाथ भी बेसुध हालत में मिला। परिजनों ने उसे संभाला तो देखा कि उसकी मौत हो चुकी थी। इसकी सूचना पुलिस को दी गई।

पुलिस को दिए बयान में परिजनों ने बताया कि सोमनाथ शहर गया था और रात्रि के समय वापस लौट रहा था। उन्होंने आशंका जताया कि वापस लौटते समय टै्रक्टर सड़क किनारे धस गया जिसे निकालने के लिए वह नीचे उतरा तो किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इस दौरान सोमनाथ भी वहीं सड़क पर बनी दलदल में धस गया और पूरी रात तड़पता रहा। ठड अधिक थी, लिहाजा इस कारण उसकी मौत हो गई। सुबह के समय जब परिजनों ने संभाला ने सोमनाथ सिकुड़ा हुआ पड़ा मिला। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अस्पताल भेजा। शनिवार प्रात: पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।

देखिए, अभी पोस्टमार्टम हुआ है, रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा। घटना में हमें पता चला है कि रात्रि के समय जब टै्रक्टर का टायर कीचड़ में फंसा तो चालक उसे निकालने लगा। सुबह जब वह मिला तो उसके सिर में चोट थी और शरीर पानी में डूबा हुआ था। ऐसे में स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता कि मौत ठड से हुई या चोट से। डॉक्टर साहब का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ पता चल पाएगा।'

- अनिल कुमार, सदर थाना प्रभारी

धूप के बावजूद शीतलहर ने ठिठुराया

शनिवार को धूप के बावजूद पूरा दिन शीतलहर ने ठुठराया। जहा एक ओर दोपहिया वाहन सवारों को मुंह पर कपड़ा रखकर चलना पड़ा वहीं दूसरी ओर अन्य लोग भी ठड से ठिठुरते रहे। दिनभर ठडी हवाओं ने मौसम को और सर्द बनाया। सुबह के समय स्कूल जाते हुए बच्चों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालाकि धुंध नहीं थी लेकिन ओस की बूंदे बारिश की तरह गिर रही थी। लोगों को दिन के समय भी सर्दी से बचने के लिए अलाव का सहारा लेना पड़ा। सड़कों किनारे लोग आग जलाकर हाथ सेंकते हुए नजर आए। शनिवार का तापमान 5.8 और अधिकतम तापमान 13.7 डिग्री सेल्यियस दर्ज किया गया।

उठने लगी स्कूल समय में बदलाव की माग

सर्दी कहर बरपाने लगी है। ऐसे में अब स्कूल समय में बदलाव की माग भी बल पकड़ने लगी है। सुबह सवेरे ही बच्चों को तैयार होकर स्कूल के लिए घर से निकलना पड़ता है। कई स्कूलों का समय अभी भी प्रात: 8 बजे का है। ऐसे में बच्चों को सुबह 6 बजे ही तैयार होकर घर से निकलना पड़ता है। काफी समय पर विद्यार्थियो को स्कूल वाहन का इतजार सड़क किनारे ही करना पड़ता है।


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