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'फर्जी एंबुलेंस' को लेकर हगामा

जागरण संवाददाता, सिरसा : सामान्य अस्पताल में 'फर्जी एंबुलेंस' को लेकर हगामा हो गया। अस्पताल में मरीज

By Edited By: Published: Wed, 17 Dec 2014 10:43 PM (IST)Updated: Wed, 17 Dec 2014 10:43 PM (IST)
'फर्जी एंबुलेंस' को लेकर हगामा

जागरण संवाददाता, सिरसा : सामान्य अस्पताल में 'फर्जी एंबुलेंस' को लेकर हगामा हो गया। अस्पताल में मरीज को लेकर जा रही निजी एंबुलेंस और सरकारी एंबुलेंस चालकों में झगड़ा हो गया। अस्पताल प्रशासन को शिकायत दी गई तो जाच में सामने आया कि निजी एंबुलेंस चालक के पास न तो एंबुलेंस की अनुमति थी और न ही अन्य दस्तावेज। ऐसे में अधिकारियों ने एंबुलेंस से नीली बत्ती उतरवा दी और भविष्य में इस ओर न आने की चेतावनी देकर छोड़ दिया।

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हुआ यूं कि बुधवार को डिलीवरी के लिए आई एक प्रसूता को जाच के लिए अल्ट्रासाउड केंद्र ले जाना था। हालाकि इस काम के लिए सरकारी एंबुलेंस निश्शुल्क उपलब्ध कराई जा सकती थी लेकिन मरीज के परिजनों को जानकारी नहीं थी इसलिए उन्होंने निजी एंबुलेंस किराए पर मंगवा ली। जब इस बात की जानकारी सरकारी एंबुलेंस के चालकों को मिली तो उन्होंने मरीज के परिजनों को बताया कि इस काम के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस उपलब्ध है इसलिए निजी एंबुलेंस में न जाएं। इस पर निजी एंबुलेंस चालक ने सरकारी एंबुलेंस चालकों के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि इस दौरान हगामा होने पर अधिकारियों को शिकायत दी गई। शिकायत मिलने पर डिप्टी सीएमओ डॉ. वीरेश भूषण मौके पर पहुंचे और उन्होंने निजी एंबुलेंस चालक से लाइसेंस, एंबुलेंस की अनुमति का प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज मागे तो वह कुछ भी नहीं दिखा पाया। इस पर पुलिस कर्मियों की सहायता से पहले तो निजी एंबुलेंस पर लगी नीली बत्ती को उतरवाया गया वहीं दूसरी ओर भविष्य में यहा न आने की चेतावनी देकर छोड़ दिया।

अस्पताल में बना रखा है अवैध टैक्सी स्टैड

निजी एंबुलेंस चालकों ने बिना अस्पताल प्रशासन की अनुमति से सामान्य अस्पताल परिसर में ही अवैध रूप से टैक्सी स्टैड बना लिया है। यहा कर्मचारियों के साठ-गाठ कर मरीजों को जाल में फंसाया जाता है और भारी राशि वसूल कर उन्हे लाया और ले जाया जाता है।

चेतावनी देकर छोड़ा है : डिप्टी सीएमओ

डिप्टी सीएमओ डा. वीरेश भूषण ने माना कि शिकायत आने पर वह मौके पर गए थे। उन्होंने बताया कि इस दौरान न तो निजी एंबुलेंस चालक के पास पर्याप्त दस्तावेज थे और न ही अन्य सुविधाएं। नीली बत्ती भी अवैध रूप से लगा रखी थी। इसलिए हमने एक बार पुलिस की सहायता से नीली बत्ती उतरवा दी और भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया। अस्पताल में अवैध रूप से खड़ी होने वाली किसी भी निजी एंबुलेंस को यहा टैक्सी स्टैड बनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

पहले मामला उठा चुका है दैनिक जागरण

दैनिक जागरण पहले ही इस मुद्दे को उठा चुका है। हम बता चुके है किस प्रकार निजी एंबुलेंस की आड़ में टैक्सी चालक अपना धधा चमकाए है। नीली बत्ती लगाकर और वाहनों पर एंबुलेंस लिखवाकर धड़ल्ले से सवारिया ढोई जाती है। ऐसे में पुलिस भी इन वाहनों को नहीं रोकती और धधा खूब चलता है। इन एंबुलेंस के पास न तो पर्याप्त अनुमति होती और न ही पर्याप्त दस्तावेज। इतना ही नहीं अस्पताल परिसर तथा आसपास इन निजी एंबुलेंस की भरमार रहती है।


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