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सुरक्षित नहीं अनाज मंडी

जागरण संवाददाता, सिरसा : शहर की अनाज मंडी सुरक्षित नहीं है। यहा न तो पुलिस की पीसीआर तैनात होती है न

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 08:18 PM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 08:18 PM (IST)
सुरक्षित नहीं अनाज मंडी

जागरण संवाददाता, सिरसा : शहर की अनाज मंडी सुरक्षित नहीं है। यहा न तो पुलिस की पीसीआर तैनात होती है न ही पुलिस गश्त करती है। प्रतिदिन लाखों रुपये के लेन-देन के बावजूद यहा प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कोई इतजाम नहीं है। किसी घटना के एक घटे बाद पुलिस पहुंचती है और आपराधिक घटना होने के छह घटे बाद तक भी पुलिस शिकायत का इतजार करती है।

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सिरसा शहर में तीन अनाज मंडी है। इनमें एक अनाज मंडी, एक अतिरिक्त अनाज मंडी और एक कपास मंडी है। प्रत्येक मंडी में औसतन 100 से अधिक आढ़ती की दुकानें है जहा प्रतिदिन लाखों रुपये का लेन-देन होता है। ऐसे में यहा सुरक्षा व्यवस्था की दरकार है। लेकिन न जिला प्रशासन और न ही पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के प्रबंध किए गए है। अनाज मंडी में प्रतिदिन किसान आढ़तियों के पास अपनी फसलें लेकर पहुंचते है और उसका भुगतान लेकर भी निकलते है। ऐसे में अनाज मंडी में हर समय आपराधिक घटनाओं की आशका रहती है।

अनाज मंडी में किसानों के साथ-साथ आढ़तियों की जान भी खतरे में है। यहा आढ़तियों से लूटपाट की घटनाओं की आशका रहती है। इतना ही नहीं अनाज मंडी में फसली सीजन में किसान उत्पादन लेकर पहुंचते है और सड़क तक जाम हो जाती है। वाहनों की बात की दूसरी है, पैदल निकलने का भी स्थान नहीं बचता। ऐसे में यदि कोई आपराधिक घटना हो जाए तो पुलिस का यहा पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है।

बताया जा रहा है कि पुलिस की ओर से यहा सुरक्षा के व्यापक इतजाम नहीं है। मंडी के चारों तरफ का कोई भी गेट सुरक्षित नहीं है। पुलिस की ओर से एक भी पीसीआर मंडी के आसपास तैनात नहीं रहती।

एक दिन पहले ही हो चुकी है चोरी की घटना

अनाज मंडी में एक दिन पहले ही अनाज चोरी की घटना हो चुकी है। सरेआम आढ़ती की दुकान के बाहर रखी धान की फसल को उठाने का प्रयास किया गया। आढ़ती ने रोकने का प्रयास किया तो उस पर चाकू से हमला कर दिया गया। इतना ही नहीं इससे पहले भी आढ़तियों पर हमले की घटनाएं हो चुकी है।

चौकीदार भी नजर नहीं आते

हालाकि मार्केट कमेटी के अधिकारियों का दावा है कि मंडी में 10 चौकीदारों की तैनाती की गई है लेकिन मंडी में कहीं भी चौकीदार नजर नहीं आते। वैसे भी मंडी के क्षेत्र के लिहाज से चौकीदारों की यह संख्या नाकाफी है।

घटना के बाद पुलिस करती शिकायत का इतजार

इसे कानून और सुरक्षा व्यवस्था का मजाक ही कहा जा सकता है कि आपराधिक घटना होने पर पुलिस पहले तो करीब आधे से लेकर एक घटे तक देरी से पहुंचती है और उसके बाद भी सायं तक मामला दर्ज करने में शिकायत का इतजार करती है। ऐसा ही नजारा बुधवार को देखने को मिला। मंडी में पहले तो धान चोरी का प्रयास किया, उसे रोकने पर आढ़ती पर चाकू से हमला कर फरार होने लगे तो लोगों ने काबू करके पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बावजूद भी जेजे कालोनी पुलिस शाम 6 बजे तक लिखित शिकायत का इतजार करती रही।

'मंडी में चोरी आदि की घटनाओं पर निगरानी के लिए 10 चौकीदारों की व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं सुरक्षा के लिहाज से पुलिस प्रशासन से सहयोग मागा गया है और एक पुलिस की जिप्सी भी उपलब्ध है।'

-यशपाल मेहता, सचिव, मार्केट कमेटी


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