मोदी की पाठशाला में नहीं होगा शत-प्रतिशत साक्षर गाव का प्रतिनिधि
जागरण संवाददाता, सिरसा : शत-प्रतिशत साक्षर गाव का दर्जा, प्रशासन का प्रोत्साहन का वादा फिर भी हरियाणा में प्रसिद्ध हुए चकजालू गाव का बाशिदा मोदी की पाठशाला का प्रतिनिधि नहीं बन पाया। शत-प्रतिशत साक्षर गांव की जानकारी केंद्रीय मंत्रालय को भेजी गई लेकिन वहा इस गाव का चयन नहीं हुआ। दूसरी चूक स्थानीयस्तर पर रही जिसने एक साक्षर हुए व्यक्ति का नाम दिया जाना था। इस सूची में भी इस गाव का नाम नहीं आया। हालाकि प्रशासन का दावा है कि साक्षर हुए व्यक्ति जोधराम का नाम भेजा गया था जिसे संबंधित मंत्रालय ने स्वीकार कर उन्हें दिल्ली के कार्यक्रम में भाग लेने का न्योता दे दिया है।
बता दें कि सिरसा जिला में छोटे गाव की श्रेणी में आने वाले चकजालू ने एक इतिहास लिखा है। इस गाव को शत-प्रतिशत साक्षर गाव का दर्जा मिला है। साक्षर भारत मिशन के तहत दो साल से अधिक समय से गांव में निरक्षर लोगों को पढ़ाए जाने का अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत 31 हजार निरक्षरों को पढ़ाया गया। इसी का परिणाम रहा कि अब यह गाव शत-प्रतिशत साक्षर है। प्रशासन ने पहले निरक्षर लोगों का सर्वे किया और इसी सर्वे के बाद कक्षाएं लगाई। साक्षरता सर्वे के बाद पता चला कि इस गाव के शत-प्रतिशत लोग साक्षर हो चुके है। प्रशासन भी शत-प्रतिशत साक्षरता का प्रमाण पत्र दे चुका है।
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर 8 सितंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में कार्यक्रम रखा गया है जिसमें प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी शिरकत करेगे। यहा 241 जिलों से एक-एक प्रतिनिधि को बुलाया गया है। सिरसा से जिला प्रशासन ने पहले ब्लॉकस्तर से नाम मागे और बाद में जिलास्तर पर एक नाम को फाइनल कर दिया गया। काशी का बास निवासी 65 वर्षीय जोधराम का नाम इस कार्यक्रम के लिए भेजा गया है। जोधराम इस कार्यक्रम में जिले के प्रतिनिधि के तौर पर हिस्सा लेंगे।
एक गाव के लिए भेजा था नाम, नहीं हुआ स्वीकृत : आर्य
साक्षर भारत मिशन के जिला संयोजक सुरेद्र आर्य ने बताया कि एक गाव के तहत चकजालू का प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं हुआ और इसी वजह से चकजालू को दिल्ली के कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिल पाया। इस मामले में जिलास्तर पर कोई चूक नहीं हुई।