रोडवेज डिपो का चक्का जाम
जागरण संवाददाता, सिरसा : निजी बस ऑपरेटरों को बैक डेट से परमिट देने के विरोध में रोडवेज कर्मचारी शनिवार को सड़कों पर उतर आए। कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप रोडवेज बसों को परिचालन ठप कर दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान न ही रोडवेज परिसर में किसी प्राइवेट या सोसाइटी की बस को घुसने दिया गया और न ही रोडवेज की बस को बाहर निकलने दिया गया। इससे हजारों यात्रियों को परेशान होना पड़ा।
निजी बस ऑपरेटरों को 3519 रूट परमिट देने का रोडवेज कर्मचारी यूनियन काफी समय से विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि सरकारी बस सेवाओं को बंद कर सरकार इसका संचालन निजी हाथों में देना चाहती है। इसको लेकर वे लगातर धरना, प्रदर्शन, जन-जन जागरूकता अभियान, बैठकें करते आ रहे हैं। इस दौरान सरकार के नुमाइंदों से भी कई चक्रों में बातचीत हो चुकी है। जिसमें उनको आश्वस्त किया गया कि इस मुद्दे पर यूनियन के सदस्यों को भरोसे में लेकर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन उनका आरोप है कि सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की है। रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के सदस्यों का कहना है कि परिवहन के 3519 रूट परमिट निजी हाथों में देने के मुद्दे पर सरकार द्वारा तीन मंत्रियों व रोडवेज यूनियन के 7 प्रधानों की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी द्वारा लिए गए फैसले के बाद ही निजी बस संचालकों को परमिट जारी करने की बात कही गई थी। परंतु आज तक एक भी बैठक नहीं बुलाई गई। इस मसले पर पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट ने भी 11 अगस्त को आदेश जारी कर रोक लगा दी है। समझौते के विपरित व हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए सरकार बैक डेट से निजी बस संचालकों को रूट परमिट जारी कर रही है। इसी सिलसिले में 2699 रूट परमिट के लिए आवेदन मांगे गए हैं। शनिवार को रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के आह्वान पर पूरे प्रदेश भर में रोडवेज कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। रोडवेज कर्मचारी सुबह करीब नौ बजे ही सिरसा रोडवेज डिपो आ गए। बस ड्राइवरों को बस से उतर कर हड़ताल में समर्थन देने की बात कहने लगे। इसमें उन्होंने यात्रियों से भी समर्थन मांगा। रोडवेज की इनडोर को उन्होंने पत्थर डालकर पूरी तरह बंद कर दिया और कुछ दूरी पर दरी बिछाकर प्रदर्शन और नारेबाजी करने लगे। करीब दो घंटे बाद रोडवेज महाप्रबंधक सुरेश कस्वां घरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने यूनियन के सदस्यों से बातचीत की और यात्रियों की परेशानी के बारे में उन्हें बताया। उन्होंने जाम खोलने को कहा लेकिन यूनियन के सदस्य नहीं माने। उन्होंने कहा कि यह जनता की ही लड़ाई है। धरना-प्रदर्शन में चंचल सिंह, आत्माराम सहारण, मदन खोथ, मदन लाल, रामकुमार, इंद्रराज आदि शामिल थे, इसके अलावा इस दौरान रोडवेज डिपो के विभिन्न यूनियनों के प्रधान व सदस्य भी मौजूद थे।
निजी बस संचालकों की मौज
रोडवेज बस सेवा पूरी तरह बाधित होने से निजी बस संचालकों व समिति की बसों की मौज रही। बिना परमिट व बिना कागज की भी चलाई जा रही बसों ने खूब कमाई हुई। यात्रियों को निर्धारित से अधिक किराया चुकाकर सफर करना पड़ा।
यात्री हुए परेशान
अचानक रोडवेज कर्मियों की हड़ताल से यात्री दिनभर परेशान रहे। निर्धारित स्थानों पर जाने के लिए उन्हें घंटों बसों का इंतजार करना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं, बुजुर्गो व बीमार यात्रियों को हुई। मजबूरी में उनको निजी बसों का सहारा लेना पड़ा और इसके लिए उन्हें पुराना बस स्टैंड, हिसार रोड, गोशाला मोहल्ला पैदल जाना पड़ा।
जाम की भी रही समस्या
बस स्टैंड व ओवर ब्रिज के पास बरसाती पानी की निकासी न होने से जाम की स्थिति बनी रही। बस डिपो में समिति व निजी बस प्रवेश बंद हो जाने से दिन भर जाम की स्थिति बनी हुई रही। इससे पैदल राहगीरों के अलावा आम वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।