सूखे की चपेट में खेती, रिपोर्ट तैयार नहीं
जागरण संवाददाता, सिरसा : मानसून में बरसात कम होने की वजह से सिरसा में खेती सूख रही है। मानसून धोखा दे गया वहीं घग्घर भी इस बात सूखी रही है। यही कारण है कि किसानों के सामने खेती पर संकट खड़ा हो गया है। जिले में सूख रही खेती को अधिकारी मान रहे हैं लेकिन सरकार ने अभी तक भी जिले में सूखे पर रिपोर्ट नहीं मांगी है।
सिरसा में हर वर्ष 225 से 250 एमएम बारिश होती है लेकिन इस बार औसत बरसात 125एमएम दर्ज हुई है। बरसात का यह कम आंकड़ा किसानों के लिए मुश्किल पैदा कर गया है। कम बरसात की वजह से धान की फसल पर विपरीत असर पड़ा है। ऐलनाबाद, कालांवाली, नाथूसरी चौपटा खंड में धान की फसल बर्बाद हुई है और अनेक किसानों ने फसल को उखाड़ा भी है। इन क्षेत्रों में किसानों ने पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक क्षेत्रफल में धान की बुआई की थी और इसका कारण गत वर्ष धान का अधिक रेट रहा है। लेकिन इस बार सूखे ने किसानों के गणित को बिगाड़ कर रख दिया। जिले में दो लाख चार हजार हेक्टेयर में कपास, 80 हजार हेक्टेयर में ग्वार व 60 हजार से अधिक हेक्टेयर में धान की बुआई की गई है। ग्वार पर सूखे का कम असर है जबकि धान और कपास पर असर साफ दिखाई दे रहा है।
कई क्षेत्रों में सूखे का प्रभाव
उप कृषि निदेशक डा. वजीर सिंह ने बताया कि कम बरसात की वजह से फसल को नुकसान पहुंचा है लेकिन व्यापक नुकसान नहीं कहा जा सकता। ऐलनाबाद व नाथूसरी चौपटा खंड में धान की फसल को नुकसान पहुंचा है।
अभी सरकार ने रिपोर्ट नहीं मांगी : डीआरओ
जिला राजस्व अधिकारी ने कहा कि सूखे को लेकर सरकार ने रिपोर्ट नहीं मांगी है। जैसे ही विभाग और सरकार की ओर से रिपोर्ट मांगी जाएगी, तुरंत पटवारियों को फील्ड में भेज दिया जाएगा। अभी तो विभाग के पास ऐसी कोई रिपोर्ट तैयार नहीं है जिसमें सूखे का उल्लेख किया गया हो।