वीसी-रजिस्ट्रार को कार्यालय में बनाया बंधक
जागरण संवाददाता, सिरसा : चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी (सीडीएलयू) के वीसी और रजिस्ट्रार को विद्यार्थियों व प्राध्यापकों ने अपने कार्यालय में ही बंधक बना लिया। वीसी आफिस को बाहर से लॉक कर दिया गया और बिजली कनेक्शन भी काट दिया। इस दौरान दोनों अधिकारियों के साथ उत्तर प्रदेश के एक डीसी भी फंस गए। जहा एक ओर विद्यार्थी परीक्षा परिणाम की लेटलतीफी पर रोष जता रहे थे, वहीं दूसरी ओर प्राध्यापकों ने वीसी और रजिस्ट्रार पर यूनिवर्सिटी में 'राजनीति' करने का आरोप लगाया।
हुआ यूं कि मंगलवार प्रात: विद्यार्थी वीसी ऑफिस के बाहर विभिन्न पाठ्यक्रमों के परीक्षा परिणाम जारी करने में लेटलतीफी का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस समय कार्यालय में वीसी डा. राधेश्याम शर्मा और रजिस्ट्रार डा. मनोज सिवाच दोनों मौजूद थे।
बताया जा रहा है कि इस दौरान उत्तर प्रदेश के एक जिला के डीसी डा. शमशेर जमदग्नि वीसी से मिलने आए और उनके हाथ में दो पुस्तकों के अलावा मिठाई के डिब्बे थे। पहले से वीसी से मिलने आए प्राध्यापक वीसी के कामकाज को लेकर परेशानी जता रहे थे कि एक आईएएस के के हाथ में मिठाई के डिब्बे देखकर वीसी ऑफिस के बाहर खड़े सीडीएलयू के विभिन्न विभागों के प्राध्यापक बिफर गए और वीसी को मिठाई के रूप में घूस देने के आरोप लगाने लगे। इस पर डीसी डा. शमशेर ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, वीसी उनके मित्र है इसलिए वह उनसे मिलने आए तो मिठाई ले आए है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि उनकी मुलाकात पर किसी को ऐतराज है तो वह यहा से चले जाएंगे। आईएएस को कार्यालय में जाने की अनुमति भी दे दी। बाद में वीसी ऑफिस को बाहर से लॉक कर दिया गया और वीसी, रजिस्ट्रार तथा इस अधिकारी को कार्यालय में ही बंधकर बन गए। इतना ही नहीं बाहर से वीसी ऑफिस का बिजली कनेक्शन भी काट दिया गया। करीब दो घटे तक छात्रों और प्राध्यापकों ने विरोध प्रदर्शन किया तथा सीडीएलयू प्रशासन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए रोष जताया। इस दौरान सीडीएलयू के प्राध्यापक डा. राजेश मलिक, डा. अशोक मक्कड़, डा. राजबीर सिंह दलाल, डा. दिलबाग सिंह, नॉन टीचिंग एसोसिशन के प्रधान महेद्र बैनीवाल, छात्र वीरेद्र न्यौल, संदीप, अमन, रमेश भाटी भी प्रदर्शन में शामिल थे। इस दौरान सीडीएलयू प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस को भी सूचना दी। सूचना मिलने पर शहर थाना प्रभारी मौजीराम और सीआईडी इचार्ज अजय शर्मा भी भारी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे।
वीसी-प्राध्यापकों के बीच तीखी बहस
प्राध्यापकों और विद्यार्थियों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन तथा तालाबंदी के बाद वीसी सभी के बीच आए। प्राध्यापकों ने वीसी पर गंभीर आरोप लगाए। इस दौरान वीसी ने अपनी बात रखने का प्रयास किया लेकिन उन्हें बोलने ही नहीं दिया गया। दोनों के बीच तीखी बहस करीब 20 मिनट तक चली। वीसी बार-बार कहते रहे कि बैठ कर बात की जा सकती है लेकिन प्राध्यापकों ने कहा कि अब सारी हदें पार हो चुकी है इसलिए मामला केवल वीसी और रजिस्ट्रार के त्यागपत्र के बाद ही शात होगा। प्राध्यापकों ने बुधवार से अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा भी की।
वीसी और रजिस्ट्रार से मागा इस्तीफा
सीडीएलयू के प्राध्यापकों ने वीसी और रजिस्ट्रार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब से वीसी डा. राधेश्याम शर्मा ने कार्यभार संभाला है, तभी से विश्वविद्यालय राजनीति का अखाड़ा बन गया है। विद्याíथयों व स्टाफ सदस्यों को लेकर वीसी व रजिस्ट्रार जरा भी गंभीर नहीं है। यहा के विद्याíथयों का अभी तक रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है, जबकि विश्वविद्यालय बाहर के कॉलेजों से आने वाले विद्याíथयों को दाखिले दे रहा है। ऐसे में यहा के विद्यार्थी रिजल्ट न आने के कारण दाखिले से वंचित रह जाएंगे।
ये लगाए आरोप
- वीसी व रजिस्टार ने मिलीभगत से दाखिला,
- तीन साल का कार्यकाल पूरा करने वाले स्टाफ सदस्यों को पक्का करने की नीति की अवहेलना यहां की जा रही है
- पदोन्नति का इतजार कर रहे स्टाफ सदस्यों की अनदेखी हो रही है
- जहा एक ओर वीसी 58 वर्ष की सर्विस में एक बार भी विदेश नहीं किए तो फिर सीडीएलयू की एक वर्ष की अवधि के दौरान ही दो बार विदेशी दौरा कैसे?
- विश्वविद्यालय को मिलने वाले पैसे का दुरपयोग हो रहा
- फरलो पर रहते है वीसी और रजिस्ट्रार
एबीवीपी सदस्यों ने भी सौंपा ज्ञापन
रिजल्ट घोषित न करने व छात्रों के भविष्य को देखते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य भी वीसी कार्यालय पहुचे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने माग पत्र डीन ऑफ कॉलेज प्रोफेसर सुरेश गहलावत को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि सीडीएलयू ने नए दाखिले तो शुरू कर दिए, जबकि पूर्व का अभी तक रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। रिजल्ट घोषित न होने के कारण छात्रों का भविष्य भी अधर में लटकता नजर आ रहा है।