ताले में बंद रहते कंप्यूटर
जागरण संवाददाता, सिरसा : सरकार और शिक्षा विभाग के भले ही ग्रामीण स्तर तक कंप्यूटर शिक्षा के प्रयास किए जा रहे है लेकिन लापरवाह व्यवस्था के कारण अभी तक जरूरतमंद विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में कंप्यूटर लैब तो है लेकिन ताले में बंद। बिजली आपूर्ति न होने से कंप्यूटर नहीं चल पाते और बिजली बैकअप के लिए उपलब्ध कराए गए जनरेटर खराब और डीजल के अभाव में बंद पड़े है।
जिला के गाव बकरियावाली के राजकीय विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए लैब बनाई गई है। यहा कंप्यूटर सिस्टम है, जनरेटर है और अन्य स्टाफ भी लेकिन इसके बावजूद भी विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा नहीं मिल पा रही। इसके पीछे कारण है लापरवाह व्यवस्था। सूत्र बताते है कि स्कूल की कंप्यूटर लैब ताले में बंद रहती है। विद्यार्थियों को लैब में जाने की इजाजत नहीं है क्योंकि दिन के समय बिजली नहीं होने के कारण कंप्यूटर ऑन नहीं हो पाते। हालाकि विभाग की ओर से जनरेटर सिस्टम भी दिया गया है लेकिन जनरेटर चलता नहीं। काफी समय से तेल के लिए फंड नहीं मिल पा रहा जिस कारण जनरेटर अब जाम हो चुका है। इतना ही नहीं कंप्यूटर लैब में रखी गई बैटरिया भी अब पूरी तरह डेड हो चुकी है।
गुडियाखेड़ा में भी बदहाल कंप्यूटर शिक्षा व्यवस्था
गुडियाखेड़ा गाव के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी कंप्यूटर लैब तो है लेकिन इसका भी लाभ नहीं मिल पा रहा। सूत्र बताते है जहा एक ओर कंप्यूटर लैब में सफाई व्यवस्था नहीं है वहीं दूसरी ओर बिजली आपूर्ति नियमित न होने से भी यहा कंप्यूटर शिक्षा में बाधा उत्पन्न होती है। जनरेटर यहा भी खराब ही है। तेल के लिए स्कूल स्टाफ के पास फंड नहीं है।
डिमाड भेजी जा चुकी है : स्कूल स्टाफ
दोनों गावों के स्कूल स्टाफ सदस्यों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जनरेटर के लिए तेल नहीं है। हालाकि स्कूल प्रशासन की ओर से विभाग को डिमाड लेटर कई बार भेजा गया है लेकिन अभी तक फंड नहीं मिल रहा। इस कारण यहा जनरेटर नहीं चलता और बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा नहीं मिल पाती।
फंड की समस्या तो है : डीईओ
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी कुमकुम ग्रोवर पहले ही कह चुकी है कि जिला के विभिन्न गावों के स्कूलों से जनरेटर के तेल के लिए फंड की डिमाड तो आ रही है लेकिन फंड की समस्या है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभाग को लिखा जा चुका है।