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मृत पशुओं को दफनाने के लिए जमीन की खोज शुरू

By Edited By: Published: Mon, 21 Jul 2014 10:33 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jul 2014 10:33 PM (IST)
मृत पशुओं को दफनाने के लिए जमीन की खोज शुरू

जागरण संवाददाता, सिरसा : सिरसा शहर के अंदर मरने वाले पशुओं को दफनाने के लिए जमीन की खोज शुरू हो गई है। यह जमीन शहर से 15 किलोमीटर दूर खोजी जा रही है। जिससे आम लोगों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।

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शहर में मृत पशुओं को दफनाने के लिए नगर परिषद के पास कोई जमीन उपलब्ध नहीं है। जो जमीन पहले थी वहां पर आज कालोनियां विकसित हो चुकीं हैं। पशुओं की दफनाने की जगह न होने के कारण लोग मृत पशुओं को खुले में फेंक देते हैं जिससे आम लोगों को परेशानी होती है।

लोगों का कहना है कि मृत पशुओं को यहां पर फेंकने से कालोनियों में हमेशा दुर्गध फैली रहती है। जिससे आम लोगों को महामारी फैलने का डर सताता रहता है। बरसाती दिनों में बदबूदार पानी चारों तरह फैल जाता है। इस समस्या को लेकर कई बार कालोनियों के लोग प्रदर्शन कर चुके हैं। नप के अधिकारी से लेकर डीसी तक को शिकायत पत्र सौंप चुके हैं। इसी समस्या को लेकर एक सप्ताह पूर्व गांव खैरेकां में मृत पशु को फेंकने के दौरान ठेकेदार व गांववासियों के बीच झड़प हो गया था। लोगों ने इसके विरोध में रोड जाम कर प्रदर्शन किया था। नगर परिषद की ओर से जिला उपायुक्त को इस मामले में अवगत करवाया गया और शहर से दूर जमीन उपलब्ध करवाने की मांग की थी। साथ ही यह भी कहा गया था कि गांव जमाल, शाहपुरबेगू, पन्नीवाला मोटा या नेजाडेला में मृत पशुओं को दफनाने के लिए जमीन उपलब्ध करवाई जाए। इसको देखते हुए जिला उपायुक्त ने चार सदस्यीय टीम गठित कर 10 दिनों के अदंर रिपोर्ट देने को कहा है। टीम में सिरसा के बीडीपीओ, नाथूसरी चौपटा के बीडीपीओ, ओढ़ां के बीडीपीओ व सिरसा नप के कार्यकारी अधिकारी शामिल है। गठित की गई कमेटी द्वारा पंचायती जमीन का मुआयना किया जाएगा। इसके साथ ही जमीन से सिरसा शहर की दूरी, निर्धारित स्थान से गांव की दूरी का भी मुआयना किया जाएगा। जिससे आम लोगों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।

नप को हर साल 2 लाख रुपये की आय

मृत पशुओं से नप हो हर साल करीब 2 लाख रुपये की आय होती है। इसके लिए नप की ओर से हर साल अनुबंध के आधार पर ठेका दिया जाता है। नप के मुख्य सफाई निरीक्षक देवेंद्र बिश्नोई का कहना है कि तत्काल में नप के पास मृत पशुओं को फेंकने के लिए जमीन नहीं है। इससे काफी परेशानी हो रही है।


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