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बाबा ब्रह्मदास ने काटा 327 किलो का केक

By Edited By: Published: Wed, 16 Apr 2014 04:17 AM (IST)Updated: Wed, 16 Apr 2014 04:17 AM (IST)
बाबा ब्रह्मदास ने काटा 327 किलो का केक

संवाद सूत्र, ¨डग मंडी : मुख्य डेरा बाबा भूमणशाह ग्राम बाबा भूमणशाह में महान उदासीन संत बाबा भूमणशाह का 327वा जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारभ डेरा स्थित गुरुद्वारे में श्री अखंड पाठ का भोग डालकर हुआ। इसके पश्चात डेरे के गद्दीनशीन संत बाबा ब्रह्मदास महाराज ने 327 किलोग्राम के केक काटकर श्रद्धालुओं को जन्मदिवस की बधाई दी।

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प्रवचन करते बाबा ब्रह्मदास ने कहा कि बाबा भूमणशाह उदासीन संत थे उन्होंने अपना जीवन दीन:दुखियों की सेवा, गौसेवा व लंगर सेवा में व्यतीत किया। बाबा भूमणशाह का जन्म सन् 1687 को पाकिस्तान के गाव बहलोलपुर निवासी हस्साराम पंधू व उनकी पत्‍‌नी राजो बाई के घर हुआ था। बाबा भूमणशाह के पिता हस्साराम व माता राजो बाई दोनों ईश्वर के परम भक्त थे और उदासीन आचार्य बाबा श्रीचंद में अनन्य श्रद्धा और निष्ठा रखते थे। माता-पिता के पद चिह्नों पर चलते हुए बाबा भूमणशाह परमात्मा की भक्ति में लीन रहने लगे। उन्होंने वर्ष 1704 में पाकिस्तान के गाव भूमिया में गरीबों के लिए लंगर सेवा शुरू की जिससे वही गाव भी बाबा भूमणशाह के नाम से प्रसिद्ध हो गया और उनकी मान्यता हो गई। बाबा भूमणशाह ने बचपन से ही गौसेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और वह बचपन में गऊ चराया करते थे। सत्संग के पश्चात सूफी गायक कंवर ग्रेवाल ने बाबा भूमणशाह का गुणगान किया और डेरे के गद्दीनशीन संत बाबा ब्रह्मदास महाराज से आशीर्वाद लिया।


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