सांसद सैनी पर स्याही फेंकने वाले युवक खाप पंचायत में सम्मानित
सांसद राजकुमार सैनी पर स्याही फेंकने का विवाद खत्म हाेने का नाम नहीं ले रहा है। रोहतक के बसंतपुर में खाप पंचायत में सैनी पर स्याही फेंकेने वाले युवकों को सम्मानित किया गया।
जेएनएन, रोहतक। कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद राजकुमार सैनी पर स्याही फेंकने का मामले पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे प्रकरण को जाट और गैर जाट विवाद का रूप देने की कोशिश्ा जारी है। इस मामले में गिरफ्तार पांच युवकों को रिहा होने के बाद जिले के बसंतपुर में आयाजित खाप पंचायत में सम्मानित किया गया।
पंचायत में श्ाामिल प्रतिनिधियों का कहना है कि इन युवाओं का मकसद सांसद सैनी पर हमला करने का नहीं था। वे सांसद सैनी के रुख और नफरत फैलाने की उनकी कोशिशों पर विरोध जताना चाहत थे, जो उन्होंने जताया। इसी कारण उन्हें पंचायत में सम्मानित किया गया है।
इस पंचायत में कई मामलों पर चर्चा की गई। पंचायत में जाट आंदोलन के दौरान हिंसा के लिए दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने की मांग की गई। इसके साथ ही प्रतिनिधियों ने कहा कि विवादित बयान देने वाले राजनेताओं की जुबान पर लगाम लगाई जाए। पंचायत में शादी ब्याह में अधिक खर्च नहीं करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई।
सर्व हरियाणा खाप पंचायत में हुड्डा खाप के प्रधान ओमप्रकाश हुड्डा व अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष अशोक बल्हारा ने बताया कि इन युवकों को सिर्फ इसलिए सम्मानित किया गया है, क्योंकि उन्होंने जाट समाज की तरफ से सांसद सैनी पर स्याही फेंककर अपना विरोध जताया था।
बता दें कि इन पांच युवकों ने सांसद राजकुमार सैनी पर स्याही फेंकी थी और इन युवकों के खिलाफ भादसं की धारा 307 के तहत केस दर्ज किया गया था। हालांकि बाद में पुलिस ने विरोध के चलते केस से इस धारा को हटा दिया था, जिसके बाद युवकों को जमानत मिल गई थी।
पंचायत में ये प्रस्ताव हुए पास
1. जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के लिए दर्ज मुकदमे वापस लिए जाए। वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यू से मिलकर एफआइआर वापस लेने का अनुरोध किया जाएगा।
2. खाप मुख्यालय पर उन लोगों के नाम की सूची लगाई जाएगी, जो खाप प्रधान व खाप प्रवक्ता है।
3. दहेज लेनदेन, नशाबंदी, व्यर्थ की फिजूलखर्ची पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाए।
4. शादी के निमंत्रण कार्ड में सबसे ऊपर यह अपील छापी जाएगी कि शराब पीने का इच्छुक व्यक्ति शादी या फिर समारोह में न आए।
5. मृत्यु भोज को बंद किया जाएगा। इस खर्च को गांव की सफाई, स्कूल खेलकूद पर खर्च किया जाएगा।
6. परिजन की मौत पर सात दिन का शोक रखा जाएगा।