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पितृ पक्ष में रही थी मंदी, अब सजे हैं बाजार, आज से आरंभ होंगे नवरात्र

जागरण संवाददाता, रोहतक : अमावश्या के साथ की बुधवार को पितृ पक्ष समाप्त हो गया है। पितृ पक्ष

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Sep 2017 01:13 AM (IST)Updated: Thu, 21 Sep 2017 01:13 AM (IST)
पितृ पक्ष में रही थी मंदी, अब सजे हैं बाजार, आज से आरंभ होंगे नवरात्र
पितृ पक्ष में रही थी मंदी, अब सजे हैं बाजार, आज से आरंभ होंगे नवरात्र

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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अमावश्या के साथ की बुधवार को पितृ पक्ष समाप्त हो गया है। पितृ पक्ष के चलते बाजारों में चल रही मंदी भी अब दूर होने के आसार हैं। हालांकि नवरात्र बृहस्पतिवार से आरंभ हो रहे हैं लेकिन अमावश्या के दिन आज बाजारों में खूब चहल पहल देखने को मिली। शहर में रेलवे रोड, किला रोड, बड़ा बाजार, डी पार्क, पुराना बस स्टैंड, शिवाजी कॉलोनी सहित तमाम बाजारों व मॉल में आज भीड़ रही। वहीं नवरात्र 21 सितंबर से आरंभ होंगे।

दुर्गा भवन मंदिर के पुजारी आचार्य मनोज मिश्र ने बताया कि अश्विन शुक्ल प्रतिपदा 21 सितंबर बृहस्पतिवार से शारदीय नवरात्रों का शुभारंभ होगा। घटस्थापना मुहूर्त सुबह 6:10 से 7:44 तक रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रतिपदा को सूर्योदय से लगभग 4 घंटे तक या अभिजीत मुहूर्त में मंत्रोच्चारण के साथ घटस्थापना षोडशोपचार सहित दुर्गा पूजन करना चाहिए। आचार्य ने बताया कि संकल्प पूर्वक प्रतिपदा से नवमी तिथि तक भगवती देवी के सन्मुख दीप प्रज्वलित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।

कौन से दिन किस समय करें पूजा :

- प्रथम नवरात्र 21 सितंबर, बृहस्पतिवार

पूजन समय सुबह 6:13 से 7:44 बजे तक

- द्वितीय नवरात्र 22 सितंबर, शुक्रवार

पूजन समय 7:44 से 9:15 बजे तक

- तृतीय नवरात्र 23 सितंबर, शनिवार

पूजन समय सुबह 7:44 से 9:15 बजे तक

- चतुर्थ नवरात्र 24 सितंबर, रविवार

पूजन समय सुबह 9:15 से 10:45 बजे तक

- पंचम नवरात्र 25 सितंबर, सोमवार

पूजन समय सुबह 6:15 से 7:45 बजे तक

- षष्टम नवरात्र 26 सितंबर, मंगलवार

पूजन समय सुबह 9:15 से 10:45 बजे तक

- सप्तम नवरात्र 27 सितंबर, बुधवार

पूजन समय सुबह 6:16 से 7:45 तक

-अष्टम नवरात्र 28 सितंबर, गुरुवार

पूजन समय सुबह 6:16 से 7:46 बजे तक

- नवम नवरात्र 29 सितंबर, शुक्रवार

पूजन समय सुबह 7:40 से 9:15 बजे तक

नौ देवियों के नाम :

- प्रथम देवी शैलपुत्री

- द्वितीय देवी ब्रह्मचारिणी

- तृतीय देवी चंद्रघंटा

- चतुर्थ देवी कूष्मांडा

- पंचम देवी स्कंदमाता

- षष्टम देवी कात्यायनी

- सप्तम देवी कालरात्रि

- अष्टम देवी महागौरी

- नवम देवी सिद्धिदात्री


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