गाय करेंगी रैंप पर कैटवॉक, देश में पहली बार होगा अपनी तरह का शो
मॉडलों की तरह हरियाणा नस्ल की देसी गाय भी कैटवाक करती नजर आएंगी। बहुअकबरपुर गांव में आयोजित गायों की सौंदर्य प्रतियोगिता के साथ-साथ दुग्ध प्रतियोगिता भी होगी
जागरण संवाददाता, रोहतक । मॉडलों की तरह हरियाणा नस्ल की देसी गाय भी कैटवाक करती नजर आएंगी। बहुअकबरपुर गांव में आयोजित गायों की सौंदर्य प्रतियोगिता के साथ-साथ दुग्ध प्रतियोगिता भी होगी, जिसमें सबसे सुंदर व अधिक दूध देने वाली गाय के पालक को लाखों रुपये के इनाम दिए जाएंगे।
पशुपालन विभाग द्वारा देसी नस्ल की गायों का बढ़ावा देने के लिए आयोजित इस प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर हरियाणा गो-सेवा आयोग के चेयरमैन भाने राम मंगला मुख्य अतिथि होंगे। नगराधीश अजय चोपड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक मेें उपिनदेशक पशुपालन विभाग डॉ. सूर्या खटकड़ और चंडीगढ़ से आए संयुक्त निदेशक डॉ. प्रेम सिंह के अलावा हरियाणा रोडवेज के महाप्रबंधक आरएस पूनिया और जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ एसके कौशिक मौजूद थे। उपनिदेशक डॉ. सूर्या खटकड़ ने बताया कि बहुअकबरपुर में 6 व 7 मई को राज्य स्तरीय देसी गाय सौंदर्य व दुग्ध प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जिसमें प्रदेश की देसी गायों के दूध की मात्रा की प्रतियोगिता होगी।
कार्यक्रम के नोडल आफिसर व संयुक्त निदेशक डा. प्रेम सिंह ने बताया कि यह प्रतियोगिता बहुअकबरपुर स्थित वैटरनरी कालेज के प्रांगण में कराई जाएगी। इसमें शामिल होने के लिए देसी गाय की छह नस्लें आमंत्रित की गई हैं, जिनमें हरियाणा गाय, साहीवाल, राठी, बिलाही, गिर, थारपारकर व गौशाला की देसी गाय भाग ले सकती हैं। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पशुपालकों को अपने पशुधन के साथ 5 मई को चार बजे से पहले-पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना पड़ेगा। 6 मई को सुबह व शाम दुग्ध प्रतियोगिता होगी व 7 मई को कैटवॉक का मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। प्रतियोगिता के समापन समारोह में कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ विजेता पशुपालकों को पुरस्कार देकर सम्मानित करेंगे।
जींद में हो चुका है मुर्राह नस्ल का भैंसों का कैटवॉक शो
पशुपालन विभाग हरियाणा की मुर्राह नस्ल की भैंस को बढ़ावा देने के लिए जींद में कैटवॉक शो करवा चुका है। लेकिन गायों का कैटवॉक शो देश में पहली बार हो रहा है। इस शो में राज्य से छह नस्ल की गाय पालक हिस्सा ले सकते हैं। कैटवॉक शो और दुग्ध प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए पशुपालक को कोई फीस भी नहीं देनी पड़ेगी। प्रतियोगिता में छह नस्ल की गायों की अलग-अलग कैटेगरी में प्रथम, दूसरे व तीसरे स्थान के लिए चुना जाएगा। सबसे अधिक दूध देने वाली गायों का रैंप पर कैटवॉक कराया जाएगा।