पृथ्वी पर अधर्म का नाश करने को जन्मे थे श्रीकृष्ण : स्वामी विश्वेश्वरानंद
जागरण संवाददाता, रोहतक : मॉडल टाउन स्थित गुफा वाले मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन का
जागरण संवाददाता, रोहतक :
मॉडल टाउन स्थित गुफा वाले मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन का आयोजन हुआ। कथा वाचक महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद महाराज ने बताया कि धर्म स्थापना करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने इस धरा पर गौ, ब्राह्मण, साधू, धर्म की रक्षा करने के लिए अवतार लिया। क्योंकि पृथ्वी को नंदियों का, जन समुदायों का, पर्वतों का भार नहीं लगता लेकिन जब अधर्म बढ़ जाता है तब अधर्मी प्राणियों की खातिर पृथ्वी दुखित हो जाती है। देवकी के आठवें गर्भ में साक्षात परब्रह्म के रूप में श्रीकृष्ण पधारे। वासुदेव भगवान को नंद महल छोड़ कर आए और यशोदा के यहां जिस कन्या देवी रूप में जन्म लिया उसको साथ लाए। कंस को मालूम पड़ा की आठवें गर्भ में पुत्र न होकर कन्या ने जन्म लिया है, तो कंस ने उस कन्या को मारने का प्रयास किया। लेकिन हाथ लगाते ही अष्टभुजा रूप धारण करके आकाश मार्ग में चली गई और भविष्यवाणी की कि तेरे को मारने वाला जन्म ले चुका है। इधर नंद भवन में बड़ी धूमधाम से नंदोत्सव मनाया गया। श्रीकृष्ण ने छह दिन की आयु में पूतना का वध किया। तीन माह की आयु में भगवान ने संकटा का वध किया और 100वें दिन भगवान का नामकरण संस्कार हुआ। माखन चोरी की लीला से भगवान ने सभी भक्तों को आनंद दिया। गौचरण लीला कर भगवान ने गोवंश की सेवा की। इस अवसर पर विनोद देवलिया ने मैं तो गोवर्धन को जाए मेरे वीर भजन गाकर भक्तों को नाचने पर मजबूर कर दिया। ओमप्रकाश शास्त्री व यजमान तिलकराज आनंद मौजूद रहे।