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शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण व विशाल हृदय सृजित करना : प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी

जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय का 16वां दीक्षांत समारोह रविवार को टैगोर ऑडो

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 01:01 AM (IST)
शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण व विशाल हृदय सृजित करना : प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी
शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण व विशाल हृदय सृजित करना : प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी

जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय का 16वां दीक्षांत समारोह रविवार को टैगोर ऑडोटोरियम में आयोजित हुआ। पांच साल बाद आयोजित हुए समारोह को संबोधित करते हुए कुलाधिपति प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी ने महर्षि दयानंद सरस्वती और स्वामी विवेकानंद के जीवन, दर्शन, विचारधारा से प्रेरणा लेकर विद्यार्थीगण राष्ट्र निर्माण में, सामाजिक उत्थान व राष्ट्र की सेवा में अपने को समर्पित करने का आह्वान किया।

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राज्यपाल प्रो. सोलंकी ने कहा कि महर्षि दयानंद का पूरा जीवन समाज एवं राष्ट्र को समर्पित रहा। वैदिक ज्ञान के वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार में उन्होंने अपना जीवन लगा दिया। कुलाधिपति ने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण और विशाल हृदय सृजित करता है। उन्होंने कहा कि सही शिक्षा मनुष्य को संकीर्णताओं से ऊपर उठाती है, तथा उदार एवं सहृदय मुनष्य बनाती है।

कुलाधिपति प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी ने कहा कि राष्ट्र की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने में विद्यार्थियों की विशेष भूमिका है। उन्होंने कवि मैथिलीशरण गुप्त की कविता की पंक्तियां- जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है, वो नर नहीं, नर पशु निरा है, और मृतक के समान है- सुनाकर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। इस बीच विश्वविद्यालय की स्मारिका का लोकार्पण अतिथियों ने किया।

शिक्षा, स्वास्थ्य व राजनीति में हो सेवाभाव : ग्रोवर

सहकारिता मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर ने समारोह के दौरान कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में पदार्पण करने वाले व्यक्तियों में सेवा भाव होना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस विश्वविद्यालय से शैक्षणिक उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थी समाज की सेवा में अवश्य योगदान देंगे। इससे पहले एमडीयू के कुलपति प्रो. बिजेंद्र कुमार पूनिया ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण में विश्वविद्यालय की चहुंमुखी प्रगति एवं विशिष्ट उपलब्धियों का ब्यौरा दिया।

कुलाधिपति के हाथों से डिग्री पाकर खिल गए चेहरे

समारोह में कुलाधिपति प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी ने पीएचडी की उपाधियां प्रदान की। राज्यपाल ने पीएचडी बेस्ट थीसिस के 17 पदक विजेताओं को पदक प्रदान किए। 821 स्वर्ण पदक विजेताओं को हरियाणा के सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने स्वर्ण पदक प्रदान किए। 324 स्नातकोत्तर एवं अन्य पाठ्यक्रमों के उपाधि धारकों को उपाधियां कुलपति प्रो. बिजेन्द्र कुमार पूनिया ने प्रदान की। वैसे कुल 838 पीएचडी उपाधियां, 823 स्वर्ण पदक, 17 बेस्ट थीसिस पदक व 324 पीजी अन्य उपाधि दीं।

कहानी सुनाकर राज्यपाल ने कहा, दीक्षा के साथ ही देश को दो दक्षिणा

महर्षि दयानंद के जीवन की अहम कहानी सुनाकर राज्यपाल ने डिग्री पाने वाले वालों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जिस विश्वविद्यालय से आप जुड़े हुए हैं, उसकी परछाई हमेशा आपके साथ चलेगी। राज्यपाल प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी ने कहा कि आप विद्यार्थियों की तरह ही महर्षि दयानंद ने 1863 में मथुरा में दीक्षांत समारोह में शामिल होना था। ऐसे में स्वामी दयानंद को अपने गुरु को अमूल्य और प्रिय वस्तु भेंट करने के लिए सोचते रहे। उन्हें याद आया कि उनके गुरु गिरिजानंद लौंग चबाते हैं। ऐसे में उन्होंने पैसे इकट्ठे करके दीक्षांत समारोह के दौरान लौंग भेंट की। उनके गुरु ने टोकते हुए कहा कि तुच्छ चींजों को मत भेंट करो तो महर्षि ¨चता में पड़ गए और अपने गुरु से कहा कि उनके पास सिर्फ जीवन के अलावा कुछ नहीं। गुरु गिरिजानंद ने उनकी ¨चता को भांपते हुए कहा कि वैदिक ज्ञान का प्रचार-प्रसार करो, यही मेरी असली दक्षिणा होगी। वही महर्षि दयानंद पूरे विश्व में छा गए। विद्यार्थियों से कहा, यह आपका भी जिम्मा है कि गुरु दक्षिणा ऐसे दो कि नाम दूर-दूर तक हो।

यह रहे कार्यक्रम में मौजूद

समारोह में चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति प्रो. विजय कायत, भगत फूल ¨सह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां की कुलपत प्रो. आशा कादयान, चौ. रणबीर ¨सह विश्वविद्यालय जींद के कुलपति मेजर जनरल रणजीत ¨सह, जस्टिस प्रमोद कोहली की पत्नी मीना कोहली, प्रो. बीके कुठियाला की पत्नी श्रीमती मधु कुठियाला, मदवि की प्रथम महिला डा. वंदना पूनिया, सीईसी नई दिल्ली के निदेशक प्रो. राजबीर ¨सह, पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. एचके अग्रवाल सहित अन्य विशिष्ट जन, जिला प्रशासन के अधिकारीगण, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कोर्ट, कार्यकारी परिषद (ईसी), शैक्षणिक परिषद (एसी) के सदस्य, संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण, विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ ही कर्मचारी शामिल रहे।

कुलपति ने दिलाई शपथ

कार्यक्रम में कुलपति प्रो. पूनिया ने दीक्षांत समारोह में डिग्री एवं पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को संस्कार-युक्त जीने की शपथ दिलवाई। कार्यक्रम के प्रारंभ में पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलित किया गया। पारंपरिक शैक्षणिक शोभा यात्रा से दीक्षांत समारोह का आगाज हुआ। शैक्षणिक शोभा यात्रा के प्रस्थान से कार्यक्रम का समापन हुआ।

इन्होंने किया मंच का संचालन

मंच संचालन मानविकी संकाय के डीन प्रो. सुरेंद्र कुमार ने किया। सहयोग प्राध्यापिका डा. दिव्या मल्हान एवं डा. गुंजन मलिक, निदेशक युवा कल्याण डा. जगबीर राठी ने किया। उपाधि एवं पदक प्रदान कार्य का संयोजन परीक्षा नियंत्रक डा. बीएस ¨सधु ने किया। कुलसचिव जितेंद्र भारद्वाज ने उपाधियों संबंधित औपचारिक घोषणा की।

डी-लिट की उपाधि से इन्हें किया गया विभूषित

दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी ने केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली और माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रो. बीके कुठियाला को डी. लिट. की मानद उपाधि से विभूषित किया। न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली को विधि एवं न्याय क्षेत तो प्रो.बीके कुठियाला को उच्चतर शिक्षा, विशेष रूप से मीडिया क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए मानद उपाधि से विभूषित किया गया।


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