अब 28 को सामूहिक अवकाश पर नहीं जाएंगे मेडिकल टीचर
जागरण संवाददाता, रोहतक : हरियाणा स्टेट मेडिकल टीचर एसोसिएसशन ने सोमवार को कुलपति, कुलसचिव व निदेश
जागरण संवाददाता, रोहतक :
हरियाणा स्टेट मेडिकल टीचर एसोसिएसशन ने सोमवार को कुलपति, कुलसचिव व निदेशक पीजीआइ के आश्वासन के बाद चिकित्सकों द्वारा 28 मार्च को सामूहिक अवकाश पर जाने के निर्णय को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है।
एचएसएमटीए के चिकित्सकों ने सरकार के प्रति गहरा रोष प्रकट करते हुए कहा कि सरकार उनके धैर्य की परीक्षा ले रही है और चिकित्सक सिर्फ मरीजों के हितों को ध्यान मे रखते हुए इस सामूहिक अवकाश को टाल रहे हैं। सोमवार को एचएसएमटीए की कार्यकारिणी समिति की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए अध्यक्ष डॉ. आरबी जैन ने बताया कि कुलपति द्वारा 25 मार्च को एसीएस से चंडीगढ में उनके वेतन भत्तों को लेकर मी¨टग की गई थी, जिसमें उनका समाधान नहीं निकल पाया है। उन्होंने बताया कि सोमवार को कुलपति डॉ. ओपी कालरा, कुलसचिव डॉ. एचके अग्रवाल व निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने कुलपति कार्यालय में सभी सदस्यों को भरोसा दिलाया कि वे उनकी सभी जायज मांगों को पूरा करवाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं, जिसके चलते 30 मार्च को एक बार फिर से उनके लंबित मुद्दों पर चंडीगढ़ मे अतिरिक्त मुख्य सचिव (चिकित्सा शिक्षा) से बैठक होगी और उन्हें पूरी उम्मीद है कि इसमें डॉक्टरों की सभी मांगों को मान लिया जाएगा और किसी भी चिकित्सक से रिकवरी नहीं की जाएगी।
डॉ. आरबी जैन ने कहा कि एचएसएमटीए के चिकित्सकों में भारी रोष है और फिलहाल संस्थान के अधिकारियों के आश्वासन पर सामूहिक अवकाश को आगे टाल रहे हैं और तब तक सभी चिकित्सक काले बिल्ले लगाकर अपना रोष प्रकट करते हुए कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया तो वे अपनी सामूहिक अवकाश को पूर्ण हड़ताल मे तब्दील करने से भी पीछे नही हटेंगे व सामूहिक त्यागपत्र देने का निर्णय भी कर सकते हैं।
उपप्रधान डॉ. अशोक राठी ने कहा कि हैरानी वाली बात है कि हरियाणा के अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों मे तो पीजीआ में पहले से मिल रहे वेतन के आधार पर सातवां वेतन आयोग लागू कर दिया गया है और वेतन भी मिलना शुरु हो गया है और पीजीआइ में अभी तक छठे वेतन आयोग को ही सही ढंग से लागू नहीं किया गया है। इस कारण चिकित्सकों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। सहसचिव डॉ. वरुण अरोड़ा ने भी कहा कि जबतक छठे वेतन आयोग की समस्याओं का समाधान नहीं होगा जिसके आधार पर सातवां वेतन लागू किया जाना है तो वह भी संभव नही होगा।