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हरियाणवी पगड़ी व हिमाचली टोपी के मुरीद हुए युवा

जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में चल रहे 21वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव में देश

By Edited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 01:01 AM (IST)
हरियाणवी पगड़ी व हिमाचली टोपी के मुरीद हुए युवा
हरियाणवी पगड़ी व हिमाचली टोपी के मुरीद हुए युवा

जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में चल रहे 21वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव में देश के कोने-कोने से शरीक होने आए कलाकार और आमजन हरियाणवी पगड़ी और हिमाचली टोपी के दीवाने हो गए हैं। इसे ठिठुरन भर सर्दी की मार कही जाए या फिर फैशन की दुनिया में शामिल होने की होड़। महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में जिधर नजर दोड़ाई जाए उधर हरियाणवी पगड़ी (खंडवा) और हिमाचली टोपी पहनने वाले ही नजर आ रहे हैं।

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हरियाणा की आन-बान व शान का प्रतीक कही जाने वाली पगड़ी बेशक केवल हरियाणा में पुरूष वर्ग ही धारण करता हो, मगर यहां युवा महोत्सव में पगड़ी पहनने के लिए युवाओं के साथ-साथ युवतियों व कार्यक्रम में शरीक होने आई महिलाओं में भी देखने को मिल रही है। यहां तक की विरासत पेवेलियन में निशुल्क पगड़ी बांधने के लिए युवा मौजूद हैं।

आपको बता दें कि युवा महोत्सव के दौरान जाट कॉलेज मैदान और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शनियां लगाई गई हैं। इन प्रदर्शनियों में हर रोज सैकड़ों की तादाद में महिला, पुरूष व बच्चे पहुंच रहे हैं। जाट कॉलेज मैदान में गर्म कपडों जैसे जैकेट, मफलर व टोपी से संबंधित स्टाल लगाए गए हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों की पसंद हिमाचली टोपी हैं,जोकि केवल हिमाचल प्रदेश की स्टाल पर उपलब्ध हैं। वहीं मदवि परिसर में डिजीटल हरियाणा पैवेलियन में कुरूक्षेत्र विवि कुरूक्षेत्र की ओर से संचालित धरोहर द्वारा विरासत नाम से अलग से हाल बनाया गया है। इस हाल में हरियाणवी पारंपरिक परिधानों के अलावा प्रदेश की प्राचीन संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है।

इन परिधानों में हरियाणवी पगड़ी व पग्गड़ को प्रदर्शित किया गया है। इतना ही नहीं विरासत हाल में प्रवेश करते ही बांयी ओर हरियाणावी संस्कृति का प्रतीक पगड़ियां प्रदर्शित की गई हैं, जिनमें अहीरवाटी, कौरवी, मेवाती, बागड़ी, आर्य समाजी, बिश्रोई, बृज, बांगरू शामिल हैं, जबकि हरियाणवी पग्गड़ के रूप में खादरी और पग्गड़ को शामिल किया गया है।

बकौल विरासत के प्रभारी डॉ. महा¨सह पूनिया बताते हैं युवा महोत्सव में आ रहे युवाओं में पगड़ी पहनने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। यहां तक युवतियों और महिलाओं में भी पगड़ी पहनने की होड़ लगी है। पूनिया कहते हैं कि हरियाणा परिवेश की बात की जाए तो जिस तरह से युवाओं में पगड़ी पहनने की होड़ लगी है,उससे साफ जाहिर है कि दोबारा से खंडवा और धोती पहनावे का प्रचलन बढ़ जाएगा।

हिमाचल प्रदेश से आए गर्म कपड़ा व्यापारी रितेश का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के अलावा चंडीगढ, पंजाब और हरियाणा में हिमाचली टोपी व जाकेट का क्रेज बरकरार है। उनका मानना है कि सिर को सर्दी से बचाने में टोपी फायदेमंद है। उन्होंने बतया कि कैशलैस के जरिए युवाओं ने टोपी व जैकेट खरीद को प्राथमिकता दी है। कुल मिलाकर यही कहा जाएगा कि युवा महोत्सव में हरियाणवी पगड़ को खासी पहचान मिल रही है और प्रदेश की पारंपरिक विरासत को दोबारा से प्रचलन में लाने के लिए युवा महोत्सव अहम साबित होगा।


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