पं. नेकीराम कॉलेज में लगेंगी स्वाइप मशीनें
जागरण संवाददाता, रोहतक : पं. नेकीराम शर्मा राजकीय महाविद्यालय में विद्यार्थी अब बिना कैश के भी फीस भ
जागरण संवाददाता, रोहतक : पं. नेकीराम शर्मा राजकीय महाविद्यालय में विद्यार्थी अब बिना कैश के भी फीस भर सकेंगे। कॉलेज प्रशासन ने इस कवायद के तहत आइडीबीआइ बैंक के अधिकारियों से संपर्क किया है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो दस दिनों के भीतर विद्यार्थियों को मेस व हॉस्टल फीस जमा करने के लिए कैश की जरूरत नहीं होगी।
कॉलेज प्रशासन के दावों के अनुसार बैंक प्रबंधक सौरभ पोपली ने फिलहाल स्वाइप मशीनों की कमी का हवाला दिया है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि दस दिनों में प्वाइंट ऑफसेल मशीन कॉलेज को उपलब्ध करा दी जाएगी।
इस संबंध में प्राचार्य ने प्रबंधक पोपली व सहायक प्रबंधक संदीप मलिक को आवेदन संबंधी आवश्यक कागजात सौंप जल्दी से जल्दी स्वाइप मशीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इसके बाद महीने सभी तरह की फीस भी विद्यार्थी ऑनलाइन जमा करा सकेंगे।
एटीएम के पहले ही किया जा चुका है आवेदन
दूसरी तरफ पंजाब नेशनल बैंक से कैंपस में ही एटीएम लगाने की प्रक्रिया पिछले तीन महीने से जारी है जिसके लिए विधिवित आवेदन तथा भवन निर्माण का नक्शा बैंक को भेजा जा चुका है। अभी भी कॉलेज से जितना पैसा सरकार को या विश्वविद्यालय को भेजा जाता है वह सब पहले से ही ऑनलाइन आरटीजीएस अथवा एनईएफटी द्वारा भेजा जाता है। इसी प्रकार सत्र के शुरू में जब सभी विद्यार्थियों का दाखिला होता है तो भी कॉलेज से चालान जनरेट करके विद्यार्थी को सौंप दिया जाता है जिसे वह बैंक में नकदी या चैक से जमा करा सकता है। ऑनलाइन फीस घर से भी ट्रांसफर करने का प्रावधान है। यह शिक्षा निदेशालय द्वारा स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के साथ अनुबंध के आधार पर किया गया है।
कैशलेस ट्रांजेक्शन की दी जानकारी
प्राचार्य डॉ. वेदप्रकाश श्योराण ने बताया कि महाविद्यालय में किसी भी प्रकार की कोई समस्या विमुद्रीकरण से संबंध में न आए इसके लिए उचित प्रबंध किए गए हैं। कामर्स विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरके वर्मा तथा कंप्यूटर विभाग के अध्यक्ष डॉ. एसपी यादव ने स्टाफ को कैशलेस ट्रांजेक्शन तथा फंड ट्रांसफर की अन्य सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। हॉस्टल में एलपीजी गैस के रूप में जो गैस भराई जाती है उसका भुगतान भी चैक द्वारा किया जाता है। इसी प्रकार फाइनल के विद्यार्थियों की सिक्योरिटी भी उनके घर चैक द्वारा ही भेजी जाती है। नकदी का लेन-देन मात्र विद्यार्थियों से लेट किताबें वापिस करने का फाइन आदि, जो बीस-तीस रुपये होता है सभी प्रोफेसर व कर्मचारियों के वेतन और भत्ते तो पहले से ही ऑनलाइन हैं। सरकार से मिलने वाली सभी ग्रांट व फर्मो से उपकरणों की खरीद भी ऑनलाइन ही होती है। विद्यार्थियों को मिल रहे वजीफे या जीते गए इनाम की राशि का भी भुगतान नकद न देकर चैक या ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से होता हैं।
वर्जन
आने वाले समय में देशभर में सभी प्रकार के लेनदेन कैशलेस ही होंगे। प्राचार्य ने दोनों विभागाध्यक्षों को जानकारी देने के लिए धन्यवाद किया और स्टाफ सदस्यों से निवेदन किया कि वे कैसलेस सुविधाओं का उपयोग करना सीखें।
-डॉ. वेदप्रकाश श्योराण, प्राचार्य, पं. नेकीराम कॉलेज