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गांधी ने निर्भिकता के साथ मिशनरी पत्रकारिता का आगाज किया था : चौधरी

जागरण संवाददाता, रोहतक : अध्ययन से हमारे अंदर अभिव्यक्त करने की इच्छा जागृत होती है। जो भी कार्य करे

By Edited By: Published: Sat, 01 Oct 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2016 01:01 AM (IST)
गांधी ने निर्भिकता के साथ मिशनरी पत्रकारिता का आगाज किया था : चौधरी

जागरण संवाददाता, रोहतक : अध्ययन से हमारे अंदर अभिव्यक्त करने की इच्छा जागृत होती है। जो भी कार्य करें उसे पूरी तल्लीनता के साथ करें। अपने विषय में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए मेहनत करें। यह उद्गार लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार ओमकार चौधरी ने शुक्रवार को विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही। वे जाट कॉलेज के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में महात्मा गांधी और पत्रकारिता विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र ¨सह मलिक व शिक्षकों ने मुख्यातिथि ओमकार चौधरी का स्वागत किया।

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ओमकार चौधरी ने कहा कि अच्छे पत्रकार को अपने ज्ञान का विस्तार करते रहना चाहिए। मीडिया ही ऐसा माध्यम है जिससे आप विचारों को जनता के सामने व्यक्त कर सकते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी निर्भिक व निडर पत्रकार थे। उन्होंने कई समाचार पत्रों का प्रकाशन किया और अपनी लेखनी से देश के बिखरे हुए आंदोलनों को एकजुट कर आजादी की लड़ाई को नई दिशा दी। उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से जनजागरण आयिान चलाया। वे जानते थे कि अपने विचारों को जनता के सामने लाकर ही आजादी पाने के लिए एकजुट किया जा सकता है। इसलिए उन्होंने इंडियन ओपीनियन, नवजीवन, हरिजन, यंग इडिया जैसे समाचार पत्रों का प्रकाशन किया। वे सदैव अपने सिद्धांतों, आंदालनों और सत्य की प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे।

प्राचार्य डॉ. एस के मलिक ने कहा कि पत्रकारिता आम जनता को जागरूक करने का सशक्त माध्यम है। महात्मा गांधी ने पूरे संसार को सत्य की प्रयोगशाला बना दिया था। अहिंसा के माध्यम से आजादी दिलाकर बता दिया कि शांति से भी जंग जीती जा सकती है। वे निर्भिक पत्रकार व नेता थे और उनका लक्ष्य देश को अ¨हसा के सहारे पूर्ण आजादी दिलाना था। पत्रकारिता के माध्यम से उन्होंने अपने विचारों का प्रसार कर देश की जनता को अपने साथ कर लिया।

विभागाध्यक्ष डॉ. जसमेर ¨सह ने मुख्य अतिथि का धन्यवाद करते हुए कहा कि वर्तमान पत्रकारिता व्यवसाय बन चुकी है जिस कारण उसकी क्वालिटी पर सवाल उठने लगे हैं। अखबारों, चैनलों और सोशल मीडिया आदि पर विज्ञापनों की बाढ़ रहती है। महात्मा गांधी जी का कहना था कि पत्रकारिता अभिव्यक्ति का माध्यम है। इसे व्यवसायिकता से दूर रखा जाना चाहिए। वे ज्यादा विज्ञापन देने के पक्षधर नहीं थे। कार्यक्रम में मंच संचालन एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रामिन्द्र हुड्डा ने किया। वहीं इस अवसर पर छात्रा गरिमा, ज्योति, रितू ने भी महात्मा गांधी और उनकी पत्रकारिता पर प्रकाश डाला। इस मौके पर डॉ. अजय कुमार, डॉ. शमसेर धनखड़, डॉ. राजेश्वर लाठर, लैब सहायक मंजीत ¨सह सहित सभी विद्यार्थी मौजूद रहे।


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