Move to Jagran APP

हिन्दी भारतीय प्राचीन एवं समृद्ध मूल्यों का प्रतीक : चौहान

-हिन्दी विभाग में विस्तार व्याख्यान एवं संवाद कार्यक्रम में हिन्दी के प्रति सम्मान भाव रखने पर दिया

By Edited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 01:01 AM (IST)
हिन्दी भारतीय प्राचीन एवं समृद्ध मूल्यों का प्रतीक : चौहान

-हिन्दी विभाग में विस्तार व्याख्यान एवं संवाद कार्यक्रम में हिन्दी के प्रति सम्मान भाव रखने पर दिया जोर

loksabha election banner

- फोटो संख्या - 31

जागरण संवाददाता, रोहतक :

हिन्दी महज एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय प्राचीन एवं समृद्ध मूल्यों का प्रतीक है। हिन्दी समेत सभी स्वदेशी भाषाओं के प्रति समाज एवं राष्ट्र में गौरव का भाव जरूरी होना चाहिए। हिन्दी भाषा को दैनिक जीवन में सक्रिय रूप से अपनाने का आह्वान करते हुए ये उद्गार हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र ¨सह चौहान ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के हिन्दी विभाग में विस्तार व्याख्यान एवं संवाद कार्यक्रम में व्यक्त किए। हिन्दी के विकास में मीडिया की भूमिका विषय पर इस विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया।

वीरेन्द्र चौहान ने कहा कि हमें हिन्दी अपनाने में संकोच नहीं होना चाहिए। हिन्दी भारत की राजभाषा है। प्रशासनिक काम-काज में हिन्दी भाषा का नियमित उपयोग होना चाहिए, ऐसा उनका कहना था। मुख्य वक्ता ने कहा कि जीवन में मातृभाषा के प्रति प्रेम एवं आदर भाव होना चाहिए। समाज में अपनी निज भाषा हिन्दी में बात करने, लिखने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए। उन्होंने हिन्दी भाषा की दशा-दिशा पर मंथन करते हुए कहा कि यदि संकल्प शक्ति हो तो हिन्दी भाषा का परचम ऊंचा फहराया जा सकता है।

हिन्दी भाषा में रोजगार की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए चौहान ने कहा कि ¨प्रट, इलैक्ट्रानिक तथा डिजीटल मीडिया में कॅरियर की बेहतरीन संभावनाएं हैं। विद्यार्थियों से भाषायी कौशल विकसित करने तथा हिन्दी भाषायी साधना करने का आह्वान वीरेन्द्र ¨सह चौहान ने किया। अपने व्याख्यान के दौरान विद्यार्थियों से संवाद करते हुए उनके प्रश्नों के उत्तर भी उन्होंने दिए।

कार्यक्रम के प्रारंभ में विभागाध्यक्ष प्रो. रामरती ने स्वागत भाषण दिया। प्रो. राम रती ने कहा कि हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में मीडिया की विशेष भूमिका है। उन्होंने कहा कि साहित्य और मीडिया का विशेष संबंध है। उनका कहना था कि मीडिया में साहित्यिक संवेदनाओं का समावेश करना होगा। कार्यक्रम में मंच संचालन तथा आभार प्रदर्शन प्राध्यापिका प्रो. पुष्पा रानी ने किया। संवाद कार्यक्रम में मदवि के डॉ. अंबेडकर शोध पीठ के अध्यक्ष प्रो. विजय कायत तथा प्राचार्य, पं नेकीराम शर्मा राजकीय महाविद्यालय, रोहतक डा. वेदप्रकाश श्योराण, प्राध्यापक प्रो. संजीव कुमार, प्राध्यापिका प्रो. माया मलिक ने भी वैचारिक प्रतिक्रिया दी।

इस संवाद कार्यक्रम में विश्वविद्यालय भवनों तथा सूचना पट्टिकाओं में हिन्दी भाषा के उपयोग करने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में हिन्दी विभाग के प्राध्यापकगण- प्रो. संजीव कुमार, प्रो. सुशीला, डॉ. कृष्णा देवी, प्रो. माया मलिक, डॉ. शीला गहलोत, संस्कृत विभाग की प्रो. आशा तथा डॉ. सुनीता सैनी, इतिहास विभाग के प्रो. विजय कायत एवं प्रो. बिन्दु मट्टू, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, हिन्दी, पत्रकारिता एवं जनसंचार, इतिहास विभाग के शोधार्थी के शोधार्थी-विद्यार्थी उपस्थित रहे।

स्वर्ण जयंती पर हरियाणा ग्रंथ अकादमी और मदवि करेंगे संयुक्त कार्यक्रम

रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) तथा हरियाणा ग्रंथ अकादमी हरियाणा राज्य के स्वर्ण जयंती वर्ष में संयुक्त रूप से कार्यशाला तथा अन्य सहभागिता कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। इसकी सहमति मदवि कुलपति प्रो. बिजेन्द्र कुमार पूनिया तथा हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र ¨सह चौहान के मध्य विचार विमर्श के बाद हुई।

हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह चौहान ने सोमवार को मदवि कुलपति कार्यालय में कुलपति प्रो. पूनिया से औपचारिक भेंट की। प्रो. पूनिया तथा वीरेन्द्र ¨सह चौहान के मध्यम विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्रचार-प्रसार समेत हिन्दी भाषा में पुस्तकों/ग्रंथों के प्रकाशन को लेकर गहन चर्चा हुई। हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. रामरती, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, जनसंपर्क अधिकारी पंकज नैन इस चर्चा के दौरान मौजूद रहे। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) तथा हरियाणा ग्रंथ अकादमी हरियाणा स्वर्ण जयंती वर्ष में संयुक्त कार्यक्रम आयोजित करेंगे। कुलपति प्रो. पूनिया ने कहा कि मदवि हरियाणा ग्रंथ अकादमी की गतिविधियों में सक्रिय सहयोग देगा।

इमसार में स्थापना दिवस पर विशेष कार्यक्रम आज

रोहतक :

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के प्रबंध अध्ययन एवं शोध संस्थान (इमसॉर) के स्थापना दिवस पर 27 सितंबर को विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

इमसॉर के निदेशक प्रो. एएस बूरा ने बताया कि राधाकृष्णन सभागार में प्रात: 10 बजे से इस स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। मदवि की शैक्षणिक मामलों की अधिष्ठाता प्रो. सुनीता मल्होत्रा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी। आईएमएस के आलोक बंसल तथा ज्ञानेन्द्र कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे। इमसॉर के सेवानिवृत प्रोफेसर तथा संस्थापक डीन एवं प्रतिष्ठित निदेशक शिक्षाविद् प्रो. एचजे घोष रॉय बतौर विशेष अतिथि शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां इमसॉर के विद्यार्थी देंगे। साथ ही, पोस्टर मे¨कग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा।

इमसॉर डे कार्यक्रम की आयोजन समिति में प्राध्यापक डॉ. कर्मवीर श्योकंद, डॉ दिव्या मल्हान, डॉ. अशोक कुमार तथा डॉ. संजय नांदल शामिल हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.