कांग्रेस घास का जंगल बन गए शहर के सेक्टर
जागरण संवाददाता, रोहतक : शहरी क्षेत्र में आने वाले सेक्टरों में हालत भी खस्ता है। कई सड़कों पर रिपेय¨
जागरण संवाददाता, रोहतक : शहरी क्षेत्र में आने वाले सेक्टरों में हालत भी खस्ता है। कई सड़कों पर रिपेय¨रग की मांग उठ रही है, जबकि सेक्टरों में खाली स्थानों पर खड़ी कांग्रेस घास से भी निजात दिलाने की मांग सेक्टरवासी कर रहे हैं। मजेदार बात यह है कि सेक्टरों में करीब 5400 से अधिक लोग रहते हैं, लेकिन हुडा अधिकारियों को कांग्रेस घास हटवाने को लेकर अभी भी ठोस रणनीति नहीं बना सका है। मजेदार शहर के पांच सेक्टर नगर निगम के हवाले हो चुके हैं। निगम प्रशासन भी इस संबंध में आंखे मूंदे हुए है।
अकेले सेक्टर-3 की बात करें तो इसे 2004 में विकसित किया गया। सेक्टर में 1314 आवास हैं। यहां 7 पार्क के अलावा एक कम्यूनिटी हॉल, राजकीय विद्यालय, चिकित्सा सुविधाओं के लिए एक चिकित्सालय भी संचालित है। करीब चार हजार की आबादी वाले इस सेक्टर में करीब 100 खाली प्लॉट भी पड़े हुए हैं। सेक्टर में ही हुडा का दफ्तर संचालित है। इसकी सीमाएं सेक्टर-एक और दो से मिलती हैं। इनके अलावा ज्यादातर सेक्टरों में भी कांग्रेस घास की समस्या है।
सभी सेक्टरों की कॉमन समस्याएं
सेक्टर में यूं तो खाली प्लाट में खड़ी कांग्रेस घास, लावारिस पशु, टूटी सड़कें और ग्रीनबेल्ट और पार्कों में अव्यवस्थाएं। बिजली की कटौती, बंदरों की समस्या के अलावा सीवरेज और सेक्टर में संचालित पाली हाउस यानि चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी को भी दूर करने की मांग सेक्टर वालों ने अधिकारियों से की है।
यह भी हैं बड़ी समस्याएं
1. कांग्रेस घास : सभी सेक्टरों की पांच हजार से अधिक की आबादी है। ¨चता की बात यह है कि सेक्टरों खाली पड़े प्लाट और सरकारी जमीन पर कांग्रेस घास बड़े पैमाने पर उगी हुई है। सेक्टर की जनता परेशान है कि कांग्रेस घास को कटवाने के लिए हुडा हर साल एक्सटेंशन फीस वसूलता है, फिर भी घास की सफाई कराने में लापरवाही बरती जा रही है। फिलहाल इस मामले को लेकर सेक्टर वाले नाराज हैं।
2. ग्रीनबेल्ट व पार्को में मेंटनेंस की जरूरत : सेक्टर में कहने तो सबसे बड़ी ग्रीनबेल्ट और पार्कों में मेंटनेंस की कमी है। हालात यह हैं कि यहां हरियाली का रखरखाव ही सही तरीके से नहीं हो रहा। कई स्थानों पर ग्रिल ही टूटी पड़ी है। परेशानी वाली बात यह है कि ग्रीनबेल्ट जंगल की तरह दिखने लगी है। यहां सफाई से लेकर वर्षो से पौधों को भी लगाने का काम नहीं भी दुरूस्त नहीं हो सका। पार्को में भी मेंटनेंस की कमी है।