काले कानून दरकिनार, हड़ताल सफल
जागरण संवाददाता, रोहतक : पिछले दो माह से आंदोलनरत बिजली कर्मचारियों ने सरकार की लाख कोशिशों के बा
जागरण संवाददाता, रोहतक :
पिछले दो माह से आंदोलनरत बिजली कर्मचारियों ने सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद हड़ताल को सफल बनाया। हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेन्द्र ¨सह धनखड़ व सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव राजेंद्र ने बताया कि एस्मा जैसे काले कानून लगाने के बावजूद भी कर्मचारियों व संगठनों ने हड़ताल को सफल बनाया है। पूरे प्रदेश से प्राप्त सूचनाओं व आंकड़ों के अनुसार बिजली कर्मियों की हड़ताल रही है। राज्य सरकार से उन्होंने मांग की है कि जिस मुख्य मांग 23 सब डिवीजनों को निजी हाथों में देने के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया था, हड़ताल की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार अपने फैसले पर पुर्नविचार करके जनहित के मद्देनजर सब डिवीजनों को ठेके पर देने के फैसले को रद्द करे। कर्मचारी नेताओं ने राज्य भर के बिजली बोर्ड के कर्मचारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों ने काफी धैर्य व संयम के साथ राज्य की जनता का सकारात्मक सहयोग लेते हुए पूर्णतया अनुशासन व शांति का परिचय देते हुए बिजली बोर्ड की संपत्ति को राज्य की जनता की व अपनी संपत्ति समझते हुए काफी जिम्मेवारी से जनतांत्रिक ढंग से हड़ताल की है।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि आज की हड़ताल से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार ने एस्मा जैसी धारा लगाकर कर्मचारियों को दबाने के लिए ओछे हथकंडे अपनाए थे। प्रदेश का कर्मचारी कभी यह नहीं चाहता कि उनके कारण प्रदेश की जनता को किसी असुविधा का सामना करना पड़े। कर्मचारी नेताओं ने राज्य सरकार से प्रश्न किया कि 23 सब डिवीजन जो पूर्णतया लाभ में चल रहे हैं प्रथम ²ष्टया सरकार ने उनको ही निजी हाथों में सौंपने का फैसला क्यों लिया है। प्राईवेट कंपनी के मालिक के पास जब सब डिवीजन चले जाएंगे तो बिजली बोर्ड की करोड़ों व अरबों रूपयों की संपत्ति, बिजली विभाग का व्यवस्थित ढांचा जो जनता की मेहनत की कमाई व बिजली विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के दिन-रात के अथक मेहनत से खड़ा किया गया है, ठेकेदार उसको निचोड़ कर रख देगा। इसके बाद उसमें कार्य करने वाले ठेके पर कच्चे कर्मचारियों व उपभोक्ताओं को जो बिजली मिलेगी वह ठेकेदार द्वारा महंगी दरों पर दी जाएगी। यहां यह भी गौरतलब है कि हड़ताल का जो मुख्य मुद्दा था वो उपभोक्ताओं को भविष्य में सस्ती व ठीक प्रकार से बिजली की आपूर्ति मिलती रहे, कर्मचारियों की मांग दूसरे नंबर पर थी। राज्य के बिजली बोर्ड का कर्मचारी धन्यवाद का पात्र है कि उसने अपनी व्यक्तिगत मांगों के अलावा राज्य की जनता के हितों को सर्वोपरि रखते हुए इस हड़ताल को सफल को बनाया। राज्य सरकार द्वारा दो दौर की वार्ता के अंदर बिजली संयुक्त संघर्ष समिति का भरपूर प्रयास था कि इस प्रकार की नौबत ना आए। परन्तु राज्य सरकार के अडियल रवैये के कारण मजबूर होकर बिजली विभाग के कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के लिए विवश होना पड़ा।
दमनकारी नीतियों को नहीं करेंगे सहन : धनखड़
प्रांतीय महासचिव वीरेन्द्र ¨सह धनखड़ ने स्पष्ट किया कि लोकतांत्रिक प्रणाली के अंदर शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन के दौरान अगर शासन व प्रशासन द्वारा किसी दमनकारी नीति अपनाने का प्रयास किया गया तो कर्मचारी संगठन इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे। बिजली का आंदोलन केवल मात्र बिजली कर्मचारियों का न होकर पूरे प्रदेश में कार्यरत सभी कर्मचारियों का आंदोलन है। जिसमें प्रदेश की जनता का भी पूर्ण सहयोग रहा है। उन्होंने सरकार को चेताया कि अभी भी समय रहते सरकार नहीं चेती तो कर्मचारी इससे भी बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
कर्मचारी संगठनों ने की नारेबाजी व प्रदर्शन
बस स्टैंड स्थित हुडा सिटी पार्क में बिजली कर्मियों के समर्थन में सभी संगठन एकत्रित हुए और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन व नारेबाजी की। इस अवसर पर दिये गये धरने की अध्यक्षता सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान महावीर मलिक व कर्मचारी महासंघ के जिला प्रधान जोगेंद्र बल्हारा ने की। जनवादी महिला समिति की महासचिव राजकुमारी, किसान सभा के नेता प्रीत ¨सह, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के जिला प्रधान प्रेम ¨सह सैनी, रोडवेज वर्क्स यूनियन के महासचिव धर्मबीर हुड्डा सीटू के प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र मलिक, नौजवान सभा के राज्य सचिव संदीप, नागरिक मंच के जिला प्रधान विनोद देशवाल, कामरेड रामचंद्र सिवाच, कर्मचारी नेता सुमित, विजय हुड्डा जेई, नरेश देशवाल, देबीराम, रामचंद्र हुड्डा, आजाद जौरासी, धर्मपाल हुड्डा, रामनिवास सैनी, सुरेंद्र मकड़ौली, प्रभू दयाल, वीना मलिक, रमेश लौरा, प्रेम घिलौडिया, शमशेर ¨सह आदि नेताओं ने अपने विचार रखे और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
आज निकालेंगे जुलूस
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि 30 जून को प्रात: 10 बजे ज्यादा से ज्यादा संख्या में कर्मचारी हुड्डा सिटी पार्क में पहुंचकर बिजली कर्मियों का हौंसला बढ़ाएंगे। इसके बाद सभी कर्मचारी प्रदर्शन करते हुए शहर में जुलूस निकालेंगे और सरकार को चेताएंगे।