गठिया बॉय और ओथ्र्रोपैथी के इलाज में आई क्रांति : डॉ. चतुर्वेदी
जागरण संवाददाता, रोहतक : पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के बॉयोटेक्नोलॉजी एवं
जागरण संवाददाता, रोहतक : पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के बॉयोटेक्नोलॉजी एवं मोलिक्यूलर मेडिसन विभाग द्वारा शुक्रवार शाम छह बजे एलटी-पांच में अंतरराष्ट्रीय इम्युनोलोजी दिवस के अवसर पर इम्युनोप्रोफेलैक्सिस एंड इंम्युनोथैरेपी विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया। इसमें सरगंगा राम अस्पताल नई दिल्ली से रिह्यमयूटोलोजी एवं क्लीनिकल इम्युनोलोजी विभाग के सीनियर डॉ. ले. जनरल वेद चतुर्वेदी (पीवीएसएम) ने अपने अनुभव सांझा किए। कार्यकारी कुलपति डॉ. वीके जैन, डॉ. वेद चतुर्वेदी, निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता, विशिष्ट अतिथि एमडीयू से डॉ. पवन महत्ता, डॉ. ध्रुव चौधरी व डॉ. हरप्रीत ने दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सौम्या ने सरस्वती वंदना का गायन किया वहीं डॉ. हिमांशु ने मंच का संचालन किया।
अंतरराष्ट्रीय इम्युनोलोजी दिवस के बारे मे बोलते हुए कार्यकारी कुलपति डॉ. वीके जैन ने कहा कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता हमें स्वस्थ एवं समृद्ध करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसके लिए पूरे विश्व में नवीनतम इम्युनोलोजिकल रिसर्च की जा रही है जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उनका बेहतर प्रयोग करके आमजन को स्वस्थ रखने का कार्य किया जा रहा है। सर गंगा राम अस्पताल नई दिल्ली के सीनियर कंसलटेंट डॉ. वेद चतुर्वेदी ने कहा कि इस विषय में नए-नए शोध और नई दवाइयां आ रही हैं। उन्होंने बताया कि जबसे ये दवाइयों आई हैं तबसे गठिया बॉय और ओथ्र्रोपैथी के इलाज मे क्रांति आ गई है।
एमडीयू के बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग के डॉ. पवन महत्ता ने डॉ. चतुर्वेदी के व्याख्यान की तारीफ करते हुए कहा कि छात्रों को इस व्याख्यान से बहुत फायदा मिलेगा। डॉ. हिमांशु ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय इम्युनोलोजी दिवस के बारे में बताया कि बीमारियों से बचने व उनके इलाज के लिए आमजन को जागरुक करने के लिए उन तक पहुंचना चाहिए। हमें सभी बीमारियों से बचने के लिए सबसे पहले स्वस्थ वातावरण की आवश्यकता है। कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता है, बहुत सारी बीमारियों के अलावा पोलियो जैसी बीमारी का उन्मुलन बहुत सारे देशों से हो चुका है, उसी प्रकार एशिया से भी शीघ्र ही इसका खात्मा कर दिया जाएगा। इस अवसर पर डॉ. ध्रुव चौधरी व डॉ. हरप्रीत, विभागाध्यक्ष डॉ. धारा बी धौलाखंडी, डॉ. सीमा रोहिल्ला, डॉ. दीपक, डॉ. दया शंकर सहित दर्जनों डॉक्टर उपस्थित थे।