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हलवाई की मौत पर बवाल, अस्पताल बंद कर भागे

जागरण संवाददाता, महम (रोहतक) : कस्बा महम स्थित एक निजी अस्पताल में हलवाई का काम करने वाले युवक की म

By Edited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 01:18 AM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2016 01:18 AM (IST)
हलवाई की मौत पर बवाल, अस्पताल बंद कर भागे

जागरण संवाददाता, महम (रोहतक) : कस्बा महम स्थित एक निजी अस्पताल में हलवाई का काम करने वाले युवक की मौत पर परिजन व ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। ग्रामीणों ने अस्पताल के बाहर खड़े होकर हंगामा किया, तो चिकित्सक व कर्मी अस्पताल पर ताला लगाकर भाग गए। गुस्साए ग्रामीणों ने शव रखकर गोहाना-भिवानी मार्ग पर जाम लगाकर जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर डीएसपी सुरेंद्र ¨सह मौके पर पहुंचे और उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवा दिया। परिजनों ने इस मामले में पुलिस को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है।

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-पेट दर्द पर कराया भर्ती, इंजेक्शन से बिगड़ी हालत

युवक की मौत के बाद अस्पताल पहुंचे इमलीगढ़ निवासी परिजनों ने बताया कि 45 वर्षीय सुनील पुत्र रिसाला हलवाई का काम करता था। बृहस्पतिवार रात 11 बजे पेट दर्द की शिकायत होने पर सुनील को कस्बे के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि चिकित्सक ने सुनील के एक के बाद एक चार इंजेक्शन लगा दिए। इसके कुछ देर बाद सुनील के सीने में तेज दर्द होने लगा और उसकी हालत बिगड़ती चली गई। बिना किसी आवश्यक जांच के लिए चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी उसका उपचार करते रहे। हालत अधिक बिगड़ने के बावजूद उसे हायर सेंटर रेफर नहीं किया गया। इससे उसकी मौत हो गई, इसके बावजूद चिकित्सक या अस्पताल के स्टाफ ने उसकी मौत की जानकारी नहीं दी। देर रात दो बजे चिकित्सक ने उसे रोहतक के पीजीआइ ले जाने के लिए कह दिया। परिजनों ने एंबुलेंस को बुलाया, तो चालक ने उसकी नब्ज देखकर बताया कि उसकी मृत्यु हो चुकी है।

-पिछले दरवाजे से भागे अस्पताल कर्मी

शुक्रवार सुबह जैसे ही सुनील की मौत की खबर गांव में पहुंची। दर्जनों ग्रामीण निजी अस्पताल पर जमा हो गए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों के आक्रोश के चलते निजी अस्पताल के चिकित्सक और कर्मी पिछले रास्ते से निकलकर भाग गए। मौके पर पहुंचे मीडियाकर्मियों ने अस्पताल संचालक का पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन देर शाम तक उनका अता-पता नहीं चला। वहीं, परिजन और ग्रामीण अस्पताल चिकित्सक व प्रबंधक पर केस दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। उनका कहना था कि अगर चिकित्सक समय पर सुनील की हालत बिगड़ने की जानकारी दे देते, तो वह उसका हायर सेंटर में उपचार कर लेते। इसके विपरीत वह उसका उपचार करते रहे और मौत होने के बाद भी पैसे एठने के लिए परिजनों को जानकारी नहीं दी। सूचना मिलते ही डीएसपी मौके पर पहुंचे और उन्होंने कुछ देर बाद ही ग्रामीणों व परिजनों को समझाबुझाकर जाम खुलवा दिया।

-परिजनों को समझा-बुझाकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी।

-सुरेंद्र ¨सह, डीएसपी महम


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