फतेहाबाद में नशे के सौदागरों पर रहेगा पहरा
जागरण संवाददाता, रोहतक : पड़ोसी राज्य पंजाब की सीमा लगने के कारण फतेहाबाद में नशीले पदार्थ की त
जागरण संवाददाता, रोहतक :
पड़ोसी राज्य पंजाब की सीमा लगने के कारण फतेहाबाद में नशीले पदार्थ की तस्करी की संभावना रहती है। नशे के सौदागरों पर कड़ा पहरा लगाकर इस अवैध कारोबार को रोकना ही पहली प्राथमिकता होगी। यह कहना है कि फतेहाबाद के नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश नरवाल का। वे शनिवार को दैनिक जागरण से विशेष बातचीत कर रहे थे। नरवाल रविवार को फतेहाबाद में बतौर पुलिस अधीक्षक कार्यभार संभालेंगे। फतेहाबाद की एसपी रहीं संगीता कालिया का खेल मंत्री अनिल विज से हुए विवाद के बाद तबादला कर दिया गया है। हालांकि उनकी जगह कार्यभार संभालने वाले एसपी ओपी नरवाल ने विज-कालिया प्रकरण पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। आइपीएस पदोन्नत होने के बाद जिले में बतौर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश नरवाल की यह पहली नियुक्ति है। नरवाल का तबादला थ्री- बटालियन आइआरबी सुनारिया में बतौर कमांडेंट से एसपी फतेहाबाद किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में है कि फतेहाबाद में हरियाणा के अन्य जिलों की अपेक्षा नशे का कारोबार अधिक होता है। इसमें चाहें शराब, स्मैक, भुक्की व अन्य नशीले पदार्थ क्यों न हो। इसलिए वहां बतौर पुलिस अधीक्षक उनकी नशे के कारोबार पर अंकुश लगाना होगा। नशे के कारोबारियों पर पैनी नजर रखी जाएगी। इतना ही नहीं सबसे पहले वहां अपराध का फीडबैक लेंगे ताकि उसके स्टडी करने के बाद विशेष योजना बनाई जा सके। खेल मंत्री और एसपी संगीता कालिया के बीच हुई घटना को लेकर एसपी नरवाल ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस का कार्य कानून-व्यवस्था को दुरूस्त रखना है। इसमें चाहे नशा हो या अन्य आपराधिक वारदात।
पंजाब पुलिस का भी लेंगे सहयोग
चूंकि फतेहाबाद पंजाब राज्य की सीमा पर है। इसलिए पंजाब पुलिस के साथ तालमेल बैठाकर सीमा पर नशीले पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने का प्रयास करेंगे। पुलिस का काम चुनौतीपूर्ण है। इसलिए पुलिस को चुनौती को स्वीकार करते हुए बेहतर कार्य करने की जरूरत है। सीमा पर तस्करी पर अंकुश लग गया तो नशे का कारोबार तो खुद ही खत्म हो जाएगा।
पुलिस उपाधीक्षक कई जिलों में कार्यरत
पुलिस अधीक्षक ओपी नरवाल बतौर उपाधीक्षक हरियाणा के आधा दर्जन से अधिक जिलों में सेवाएं दे चुके हैं। वर्ष 1996 में बंसीलाल सरकार में रोहतक में हुए गोलीकांड के समय वे यहां बतौर डीएसपी कार्यरत थे। इसके अलावा कुरूक्षेत्र, पानीपत, करनाल, सोनीपत व अन्य जिलों में कार्यरत रहे हैं।