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प्लॉट आवंटन के फर्जीवाड़े को रोकेगा सॉफ्टवेयर

सर्वेंद्र पुंडीर, रोहतक : अभी तक हुडा के प्लॉट आवंटन में धोखाधड़ी करके प्लॉट हड़पने के मामले सामने आ च

By Edited By: Published: Thu, 26 Nov 2015 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2015 01:00 AM (IST)
प्लॉट आवंटन के फर्जीवाड़े को रोकेगा सॉफ्टवेयर

सर्वेंद्र पुंडीर, रोहतक : अभी तक हुडा के प्लॉट आवंटन में धोखाधड़ी करके प्लॉट हड़पने के मामले सामने आ चुके है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो अब ऐसा नहीं होगा। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने पीपीएम नाम से एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार कराया है, जो क्लिक करते ही यह बता देगा कि प्रदेश में कहीं पर भी आवेदक ने प्लॉट तो नहीं लिया हुआ है। फर्जीवाड़ा करने वाले का पता क्लिक करते ही चल जाएगा। इस सॉफ्टवेयर को चालू कर दिया गया है। झूठे शपथ पत्र तैयार कर कई-कई प्लॉट लेने के मामले सामने आने पर इस सॉफ्टवेयर को तैयार कराया गया है।

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दरअसल, अभी तक हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्लॉट आवंटन के दौरान कुछ लोग फर्जीवाड़ा कर प्लॉट ले लेते थे। इन लोगों के प्रदेश के दूसरे जिलों में भी प्लॉट होते थे और रोहतक में भी झूठे शपथ पत्र देकर प्लॉट हड़प लेते थे। जांच के बाद कई लोगों के नाम सामने आए थे। इसी कारण हुडा ने पीपीएम यानि प्लॉट प्रॉपर्टी मैनेजमेंट के नाम से एक सॉफ्टवेयर तैयार कराया है। यह सॉफ्टवेयर हुडा के कंप्यूटरों में डाल दिया गया है। इस सॉफ्टवेयर की खास बात यह है कि यह क्लिक करते ही बता देगा कि आवेदक ने प्रदेश में किस स्थान पर पहले से प्लॉट लिया हुआ है। उसका नाम पता और किस पते पर लिया है, सारी डिटेल एक क्लिक करते ही सामने होगी। हुडा के इस्टेट ऑफिसर महेंद्रपाल की मानें तो सॉफ्टवेयर को चालू कर दिया गया है। इस सॉफ्टवेयर को चलाने वाले को तीन-तीन माह का परीक्षण भी दिया गया है।

इस तरह करते थे फर्जीवाड़ा

हुडा ने कई साल पहले प्लॉट के लिए आवेदन मांगे तो कई ऐसे अनारक्षित लोगों ने आवेदन कर दिए, जिन्होंने पहले से प्लॉट लिया हुआ था। यही नहीं इन लोगों ने पूरे प्रदेश में कहीं पर भी प्लॉट नहीं होने के झूठे शपथ पत्र भी दिए थे। इन शपथ पत्रों के सहारे आरोपियों ने कई-कई प्लॉट आवंटित करा लिए। आवंटन के बाद उनका यह फर्जीवाड़ा सामने आया। बता दें कि यह फर्जीवाड़ा प्रदेश के कई जिलों में हुआ था।

ऐसे काम करेगा सॉफ्टवेयर

इस सॉफ्टवेयर में हुडा के प्रदेश भर के प्लॉटों का रिकॉर्ड है। किस प्लॉट का मालिक कहां का रहने वला है, क्या करता है। उसका पता उसके फोटो के साथ इस सॉफ्टवेयर में मौजूद रहेगा। इसके अलावा अन्य जानकारी भी आवेदक की पहले से ही इस सॉफ्टवेयर में डाली गई है। यही नहीं जिसका प्लॉट है उसकी लोकेशन कहां की है। यह भी सॉफ्टवेयर बताएगा। यह सॉफ्टवेयर हुडा के सभी सर्किल कार्यालयों में चालू कर दिया गया है।

सॉफ्टवेयर पूरी तरह से तैयार करके सभी कंप्यूटरों में डाल दिया गया है। यह सॉफ्टवेयर बखूबी अपना काम कर रहा है। हालांकि फर्जीवाड़े का कोई आवेदक अभी तक नहीं पकड़ा गया है।

महेंद्रपाल, इस्टेट ऑफिसर हुडा


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