उत्तर पुस्तिका बंडल मामले में 'साजिश की बू'
जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के बहुचर्चित उत्तर पुस्तिका प्रकरण में एक बार फ
जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के बहुचर्चित उत्तर पुस्तिका प्रकरण में एक बार फिर हड़कंप मच गया। बीटेक की 2013 की उत्तर पुस्तिकाओं का यूनिवर्सिटी से बाहर मिलना साजिश को हवा दे रहा है। पौने तीन वर्ष पुरानी उत्तर पुस्तिकाएं सड़क पर मिलीं और वो भी ऐसी स्थिति में जैसे हाल ही में परीक्षा ली गई हो। इतना ही नहीं इस प्रकरण के मुख्य आरोपी रवि जैमिनी ने इसी माह 3 नवंबर को कोर्ट में सरेंडर किया। पुलिस रिमांड पर पूछताछ करने के बाद जैसे ही उसे न्यायिक हिरासत में भेजा, तभी उस वक्त की उत्तर पुस्तिकाएं अचानक सड़क पर बरामद पड़ी मिलीं। इससे स्पष्ट होता है कि यह मामला संयोग नहीं बल्कि गहरी साजिश का हिस्सा है। एडवोकेट दिग्विजय जाखड़ ने मदवि के सुरक्षा नियंत्रक तरुण शर्मा की मौजूदगी में पुलिस को उत्तर पुस्तिकाएं सौंप दी हैं।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के गोपनीय शाखा से फरवरी 2013 में बीटेक तीसरे सेमेस्टर की 2169 उत्तर पुस्तिकाएं परीक्षा भवन की छत व सीढि़यों में बिखरी मिली थीं। इन उत्तर पुस्तिकाओं की मदवि प्रशासन ने जांच करवाई तो उनमें करीब 64 उत्तर पुस्तिकाओं को दोबारा से हल किया गया था। इस मामले में मदवि गोपनीय शाखा के अधीक्षक सुरेंद्र मराठा सहित आठ कर्मचारियों के अलावा नौ सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया गया। मदवि प्रशासन की तरफ से इस मामले को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस जांच में दो कॉलेज के प्राध्यापकों को भी उत्तर पुस्तिकाओं को हल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, लेकिन इस प्रकरण के मुख्य आरोपी रवि जैमिनी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। विगत 3 नवंबर को ही रवि जैमिनी ने कोर्ट में सरेंडर किया था। रवि जैमिनी रोहतक कोर्ट में ही वरिष्ठ अधिवक्ता का बेटा है और उसका भाई भी कोर्ट में वकालत करता है। मदवि प्रशासन और पुलिस मुख्य आरोपी के सरेंडर करने के बाद शांत बैठ गई थी, लेकिन शनिवार को सड़क पर 61 उत्तर पुस्तिकाओं के मिलने से ऐसा लग रहा है कि इस प्रकरण को एक बार फिर नया रंग देने का प्रयास किया जा रहा है।
जैमिनी पर लग चुका है पूछताछ में सहयोग न देने के आरोप
रवि जैमिनी के सरेंडर करने के बाद पुलिस ने कोर्ट से उसे रिमांड पर लिया। कई दिन तक पुलिस ने पूछताछ की, लेकिन बाद में पुलिस ने आरोप लगाए कि वो पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा। इसके अलावा रवि जैमिनी खुद को निर्दोष बताते हुए राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग कर चुका है। इतना ही नहीं तत्कालीन अर्बन इस्टेट थाना प्रभारी पर इस मामले में रिश्वत न देने पर झूठा फंसाने का आरोप भी लगाया गया था।
एसआइटी की ढीली कार्रवाई भी जिम्मेदार
इस प्रकरण में दो वर्ष बाद वर्तमान कुलपति सुधीर राजपाल ने डीजीपी को पत्र लिखकर इस मामले की नए सिरे से जांच कराने की सिफारिश की थी। डीजीपी के आदेश पर पुलिस अधीक्षक ने करीब छह माह पहले डीएसपी पुष्पा खत्री के नेतृत्व में एसआइटी गठित की थी, लेकिन एसआइटी ने इस मामले में तेजी न दिखाते हुए ढीला-ढाला रवैया ही दिखाया। यही कारण है कि यह मामला एक बार फिर से तूल पकड़ गया है।
सामने क्यों नहीं आ रहीं सहायक प्रोफेसर
सड़क पर उत्तर पुस्तिका के बंडल जिस सहायक प्रोफेसर को फल विक्रेता से मिले थे, उसने तीन दिन तक मदवि प्रशासन को उत्तर पुस्तिकाएं नहीं सौंपीं। हालांकि पुलिस अधीक्षक को फोन पर इस बारे में जरूरत अवगत कराया। इसके बाद उन्होंने एडवोकेट के मार्फत इस मामले को मीडिया तक पहुंचाया। इतना ही नहीं एडवोकेट ने ही पुलिस को इसकी शिकायत दर्ज करवाई है। एडवोकेट ने साथ ही पुलिस को विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करने का हवाला भी दिया, लेकिन उत्तर पुस्तिकाएं मदवि की संपत्ति हैं और मदवि प्रशासन ही इस मामले में पुलिस को शिकायत दर्ज करवा सकता है।
संस्थान की संपत्ति रखना गैरकानूनी : दीपक भारद्वाज
एडवोकेट दीपक भारद्वाज का कहना है कि सभ्य नागरिक होने के नाते कोई भी संदिग्ध सामान मिलता है तो उसकी सूचना तुरंत नजदीकी थाने या पुलिस कंट्रोल में देनी चाहिए। इतना ही नहीं उस वस्तु व सामान को पुलिस के सुपुर्द करना चाहिए। किसी संस्थान या सरकारी संपत्ति को बिना सूचना दिए अपने कब्जे में रखना गैरकानूनी होता है। मदवि की उत्तर पुस्तिकाओं को तीन दिन तक अपने पास रखना संदेह की स्थिति पैदा करता है।
जांच के बाद ही होगा खुलासा : डॉ. ¨सधु
मदवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीएस ¨सधु का कहना है कि वर्ष 2013 में गोपनीय शाखा से गायब उत्तर पुस्तिका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। बीटेक तीसरे सेमेस्टर मैथ के पेपर की परिणाम कोर्ट की मंजूरी से घोषित कर दिया गया था। मंगलवार को मिलीं उत्तर पुस्तिकाएं अभी उनके पास नहीं पहुंची हैं। जांच के बाद ही इस बारे में सही जानकारी दे पाऊंगा। उत्तर पुस्तिकाएं गोपनीय शाखा से वर्ष 2013 में गायब हुई थीं या गोपनीय शाखा में परीक्षा केंद्र से भेजी ही नहीं गई, इसका जांच के बाद खुलासा हो पाएगा। इस मामले में कोई साजिश भी हो सकती है।
मदवि कराएगी मामले की आंतरिक जांच : कुलसचिव
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने बीती शाम विश्वविद्यालय के बीटेक-तीसरे सेमेस्टर 2013 की उत्तर पुस्तिकाओं का बंडल परिसर से बाहर मिलने के प्रकरण पर सख्त संज्ञान लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन अपने स्तर पर इस मामले की आंतरिक जांच करवाएगा तथा इसमें संलिप्त यदि कोई विश्वविद्यालय कर्मी पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
चूंकि 2013 की उत्तर पुस्तिकाओं का मामला पुलिस प्रशासन की एसआइटी के पास पहले से जांच में है। अत: इस मामले की पुलिस प्रशासन से जांच करवाई जाएगी। इस संबंध में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग देगा। विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार तथा परीक्षा संबंधित किसी भी अनियमितता के मामले में जीरो टोलरेंस की नीति अपनाते हुए कार्रवाई करेगा।
ये मिली हैं उत्तर पुस्तिकाएं
मदवि में बीटेक तीसरे सेमेस्टर मैथ पेपर की 61 उत्तर पुस्तिकाएं मिली हैं। 10 कॉपियों की जांच नहीं की गई जबकि दो पर इनविजिलेटर के हस्ताक्षर नहीं हैं। 9 जनवरी 2013 को यह पेपर मदवि द्वारा लिया गया था। बताया जाता है कि मातू इंजीनिय¨रग कॉलेज की ये उत्तर पुस्तिकाएं हैं और परीक्षा परिणाम भी जारी किया जा चुका है।