मौका मिलते ही बंदर करते हैं ग्रामीणों पर हमला
संवाद सहयोगी, सांपला : नगर पालिका में इन दिनों बंदरों के आतंक ने ग्रामीणों को परेशान करके रख दिया है
संवाद सहयोगी, सांपला : नगर पालिका में इन दिनों बंदरों के आतंक ने ग्रामीणों को परेशान करके रख दिया है। बंदर आए दिन अपने आतंक से लोगों को परेशान करते रहते हैं। यहीं नही बंदर ग्रामीणों को मौका मिलते ही हमला करके घायल कर रहे हैं। बंदरों के आतंक से ग्रामीण अपने आप को घरों में कैद करने पर मजबूर हैं। इसके साथ ही बंदर घर में घुसकर सामान को भी क्षतिग्रस्त कर देते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी पुरानी अनाज मंडी व बाजार में देखी जा सकती है। बंदरों के झुंड घरों की छतों पर देखे जा सकते हैं। काफी लोगों ने बंदरों के आतंक से बचने के लिए अपने घरों पर लोहे के जाल डालकर किलाबंदी भी कर दी है, बावजूद इसके परेशानी उठानी पड़ रही है। बंदर गलियों में भी टहलते हुए देखे जा सकते हैं जिससे उनके काटने का भय ओर बढ़ गया है। कस्बे में बंदर आए दिन किसी न किसी को काट लेते हैं। बंदरों के आतंक को लेकर श्रीकृष्ण वर्मा, धीरज कुमार,आनंद बंसल, राजेश बंसल, नरेश अग्रवाल, सुनील, संजय, राजेश व प्रदीप सहित अन्य ग्रामीणों का कहना था कि बंदरों के आतंक ने उन्हें परेशान कर रखा है। बंदर न केवल छतों पर झुंड के रूप में बैठे रहते हैं बल्कि गलियों में भी बिना किसी भय के टहलते रहते हैं। मौका मिलते ही ग्रामीणों पर हमला कर देते हैं तथा घर में घुसकर रखा सामान क्षतिग्रस्त कर देते हैं। उनका कहना था कि बंदरों के भय के कारण वह छतों पर भी नहीं जा पाते हैं। हालात आए दिन बदतर होते जा रहे हैं।
घर से निकलना नहीं है सुरक्षित
ग्रामीणों का कहना है कि गलियों से निकलना भी इन दिनों सुरक्षित नहीं है। वह बंदरों के भय के मारे घरों से निकलने में भय महसूस करते हैं। हालत ऐसे हो गए हैं कि बच्चों को बंदरों के भय के मारे स्कूल छोड़ने व लाने के लिए भागदौड़ करनी पड़ रही है। बाजार व मंडी में तो बंदर दुकानों पर बैठे देखे जा सकते हैं। मौका मिलते ही सामान उठाकर ले जाते हैं। परेशानी को लेकर कई बार नगर पालिका प्रशासन से बंदरों को पकड़ने के लिए गुहार लगा चुके हैं। लेकिन समाधान नहीं हो रहा।