निगम की उदासीनता का शिकार शहर के पार्क
जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर के पार्क इन दिनों नगर निगम की उदासीनता का शिकार हो रहे हैं। बच्चों के ख
जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर के पार्क इन दिनों नगर निगम की उदासीनता का शिकार हो रहे हैं। बच्चों के खेलने के लिए जहां झूले लगाए गए थे, वह अब अधिकांश पार्को से गायब दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही कुछ पार्कों में एक अर्से से झूले टूटे हुए हैं जिन्हें ठीक करवाने के लिए निगम अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। ऐसे में पार्कों के अंदर बच्चों का आना भी कम होता जा रहा है। वहीं घूमने वाले लोगों में भी निगम के उदासीन रवैये को लेकर रोष भरा हुआ है।
नगर निगम के अंतर्गत शहर में करीब 75 पार्क है। इनमें से अधिकांश पार्कों में कुछ समय पहले बच्चों के खेलने के लिए झूले लगाए गए थे। झूले लगाने के कुछ समय बाद ही कई पार्कों के झूले टूट गए और कई पार्कों से तो झूले ही गायब कर दिए गए। इनमें से कुछ पार्क ऐसे भी हैं जहां निगम की ओर से झूले लगाए ही नहीं गए। ऐसे में पार्कों के अंदर जो रौनक होनी चहिए, वह गायब हो रही है। शहर का दिल कहे जाने वाले मानसरोवर पार्क में भी झूले टूटे हुए है। ऐसे में बच्चे बिना झूलों पर खेले ही वापिस लौट जाते है। अगर निगम की ओर से झूलों को ठीक करवा दिया जाए तो पार्कों की रौनक फिर से लौट आएगी।
इन स्थानों के पार्कों में टूटे झूले
मानसरोवर पार्क, डीएलएफ स्थित राज्य सभा सांसद के घर के सामने वाले पार्क में, जनता कालोनी स्थित विश्वकर्मा पार्क, राम नगर स्थित पार्क सहित अन्य स्थानों पर पार्कों में लगाए गए झूले या तो टूट चुके हैं या उन्हें उतारकर दोबारा लगाया ही नहीं गया। ऐसे में बच्चों के अंदर भी मायूसी छाई हुई है।
नहीं लगाए गए कूड़ेदान
नगर निगम के अंतर्गत आने वाले पार्कों में कूड़ेदान भी नहीं लगाए गए है। शुरूआत में कुछ पार्कों में कूड़ेदान लगाए गए थे, लेकिन उसके बाद किसी भी पार्क की सुध निगम अधिकारी नहीं ले रहे। पार्कों में जगह-जगह गंदगी बिखरी रहती है जिसके कारण पार्कों की सारी सुंदरता नष्ट हो रही है।
अधिकांश पार्कों में नहीं माली की व्यवस्था
शहर के अधिकांश पार्कों में माली की व्यवस्था नहीं की गई है। माली न होने के कारण पार्कों में कंटीली झाडिय़ों के साथ-साथ कांग्रेस घास भी खड़ी है। ऐसे में लोगों का पार्कों में घूमना भी बंद हो गया है। इसके साथ ही पार्कों में कई प्रकार के जहरीले जीव भी पनप रहे हैं जिनकी तरफ किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं है।
पानी निकासी का भी नहीं प्रबंध
शहर के पार्कों में बरसाती पानी की निकासी का भी प्रबंध नहीं किया गया है। शहर के मशहूर पार्क मानसरोवर पार्क में भी कई-कई दिन तक बरसाती पानी भरा रहता हैं। वहीं जगदीश कालोनी सहित सेक्टरों के पार्क में भी पानी निकासी का प्रबंध नहीं है। ऐसे में पार्कों के अंदर मलेरिया व डेंगू के मच्छरों के पनपने की आशंका भी बढ़ी हुई है।
शहर के पार्कों में टूटे हुए झूलों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर किसी पार्क के झूले टूटे हुए हैं तो उन्हें ठीक करवा दिया जाएगा। इसके साथ ही बरसाती पानी की निकासी का प्रबंध भी करवाया जाएगा।
रेणू डाबला, मेयर नगर निगम