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हंगामे के बीच हड़ताल खत्म, वकील निष्कासित

जागरण संवाददाता, रोहतक : जिला बार सभागार में निलंबित पुलिसकर्मियों को लाने पर हुए हंगामे के बीच ही प

By Edited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 08:00 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 08:00 PM (IST)
हंगामे के बीच हड़ताल खत्म, वकील निष्कासित

जागरण संवाददाता, रोहतक : जिला बार सभागार में निलंबित पुलिसकर्मियों को लाने पर हुए हंगामे के बीच ही प्रधान दीपक कुंडू ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु वकील आरोपी पुलिसकर्मियों के माफी मांगने और निलंबन की कार्रवाई से संतुष्ट है। वहीं, अधिवक्ताओं के विरोध के मद्देनजर प्रधान ने निलंबित पुलिसकर्मियों को सभागार में लाने वाले वकील के निष्कासन की भी घोषणा की। वहीं, प्रशिक्षु वकील को भविष्य में सदस्य न बनाने की बात भी की गई। इसके बाद सभा भी समाप्ति की घोषणा कर दी गई।

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जिस दौरान बार में निलंबित पुलिसकर्मियों के लाने पर हंगामा चल रहा था। उस दौरान प्रधान दीपक कुंडू ने माइक संभाला। दीपक कुंडू ने बताया कि जिस प्रशिक्षु अधिवक्ता से घटना हुई। वह आरोपी पुलिसकर्मियों के माफी मांगने और उनके निलंबन की कार्रवाई से संतुष्ट है। अब वह उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहता। इसके चलते हड़ताल खत्म की जाती है। वहीं, जो अधिवक्ता निलंबित पुलिसकर्मियों को लेकर लेकर सभागार में आया है। उसे निष्कासित किया जाता है। अधिवक्ताओं के विरोध के चलते प्रशिक्षु वकील को भी भविष्य में बार का सदस्य नहीं बनाने के लिए कहा गया।

विवाद से निपटारे की कहानी

चार दिन पहले अदालात परिसर स्थित हवालात में बंदियों में झगड़ा हो गया था। शोर शराबे की आवाज सुनकर एक प्रशिक्षु अधिवक्ता हवालात परिसर में चला गया। वहां तैनात पुलिसकर्मी उसे खींचकर दीवार के पीछे ले गए। उन्होंने अधिवक्ता की जमकर पिटाई की। यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। अधिवक्ता के आरोप और फुटेज देखने के बाद वकील आक्रोशित हो गए। जिला बार एसोसिएशन ने हाउस की बैठक बुलाई थी। हाउस की बैठक में आरोपी पुलिसकर्मियों पर एफआइआर दर्ज होने तक वर्क सस्पेंड रखने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद शनिवार देर शाम एसपी शशांक आनंद ने अशोक और बिजेंद्र नाम के दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। अधिवक्ताओं ने पुलिसकर्मियों पर मुकदमे की मांग की थी। उनका कहना था कि निलंबन की कार्रवाई पुलिस की अपनी कार्रवाई है, उन्हें पुलिस अधिकारी कभी भी बहाल कर सकते हैं। इसके चलते सोमवार को भी वर्क सस्पेंड रखकर हाउस की बैठक बुलाई गई।

डीएसपी को भी बीच में जाना पड़ा

एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि यह बार की निजी बैठक है। इसमें डीएसपी को पता नहीं किसने बुलाया है? डीएसपी जब आ ही ही गए हैं, तो उन्हें अपनी बात रखकर वापस लौट जाना चाहिए। बार का जो फैसला होगा, उन्हें बता दिया जाएगा। इसके बाद डीएसपी अमित भाटिया ने पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई के बारे में अधिवक्ताओं को बताया। उन्होंने यह भी कहा कि जो कुछ भी हुआ वकील और पुलिस के बीच चल रही संवादहीनता के कारण हुआ। अब पुलिस और वकील मिलकर समय-समय पर संवाद करेंगे, जिससे इस दूरी का खत्म किया जा सके।


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