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'बैग के साथ लूट ले गए भारत की स्मृतियां'

जेपी शर्मा, रोहतक 'भारत की स्मृतियों को मैंने अपने दिल के साथ लैपटॉप में संजोकर रखा था। बैग में क

By Edited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 12:37 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 12:37 AM (IST)
'बैग के साथ लूट ले गए भारत की स्मृतियां'

जेपी शर्मा, रोहतक

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'भारत की स्मृतियों को मैंने अपने दिल के साथ लैपटॉप में संजोकर रखा था। बैग में कुछ ऐसे सामान भी थे, जो मैंने यहां रहने के दौरान कीनिया के अपने साथियों के लिए खरीदे थे। मदवि में रहकर मैंने सात पुस्तकें लिखी थीं, जिनका डाटा भी लैपटॉप में था। आरोपी युवक बैग के साथ भारत की स्मृतियों को भी लूटकर ले गए। इस घटना से मैं बेहद दुखी हूं, अगर भविष्य में कभी भारत आने का मौका मिला, तो मेरा दिल यहां आने को नहीं करेगा। क्योंकि इससे पहले भी कुछ शरारती युवकों का उपहास व उत्पीड़न मैंने सहन किया है।'आवाज में भारी पन लिए हुए यह दर्द मदवि के उस कीनियाई छात्र ने बयां किया है, जिसके साथ शनिवार देर रात कुछ युवकों ने मारपीट व लूटपाट की वारदात की। हालांकि छात्र ने कहा कि उसे यहां कुछ अच्छे दोस्तों का साथ और सहयोग भी मिला है।

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कैलाश हॉस्टल नंबर 1 में हुई शर्मनाक घटना से देश के अतिथि देवो भव: के नारे और परंपरा के साथ कीनियाई छात्र के दिल को भी आघात पहुंचा है। छात्र घटना की जानकारी देते हुए फफक पड़ा। छात्र को सबसे ज्यादा दु:ख इस बात का है, कि उसने भारत में बिताए दिनों की ढेरों यादें अपने लैपटॉप में फोटो, वीडियो और यहां से खरीदकर अपनों को ले जाने के लिए रखे गए सामान रखे थे। आरोपी बैग के साथ यह सब लूटकर ले गए। छात्र ने यह भी बताया कि इससे पहले भी कुछ शरारती छात्र उस पर तरह-तरह के कमेंट कर चुके थे। एक दो बार कुछ युवक उसकी मर्जी के बगैर कमरे में घुसकर उसे परेशान करते थे। वह यह सब बरदाश्त करता रहता था, लेकिन इससे पहले इस तरह की घटना कभी नहीं हुई।

पिता की हो चुकी है मृत्यु, आर्थिक स्थिति ठीक नहीं

जॉन के साथी वेदांग ने बताया कि जॉन के पिता की मृत्यु हो चुकी है। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। उसके चचेरे भाई आदि की आर्थिक मदद से वह पढ़ाई कर रहा है। जॉन बेहद होनहार और लगनशील है। दो वर्ष में रोहतक रहते हुए वह सात पुस्तकें लिख चुका है।

'अफ्रीकी छात्रों पर कमेंट आम बात'

जॉन के पास खड़े दो छात्रों ने बताया कि मदवि में बड़ी संख्या में अफ्रीकी छात्र रहते हैं। हॉस्टल एक में वह अकेला अफ्रीकी छात्र है। अधिकांश अफ्रीकी छात्र शहर में कमरा किराए पर लेकर रहते हैं। मदवि में शरारती युवकों का उन पर कमेंट करना आम बात हैं। जॉन ने बताया कि उन्हें तरह-तरह के नामों से पुकारकर उपहास उड़ाया जाता है। इनमें से अधिकांश के वह मतलब भी नहीं जानता।


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