आतंकी टुंडा की जान को खतरा, वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी
जागरण संवाददाता, रोहतक : 17 वर्ष पहले किला रोड और सब्जी मंडी में हुए बम विस्फोट के आरोपी आंतकी अब्दु
जागरण संवाददाता, रोहतक : 17 वर्ष पहले किला रोड और सब्जी मंडी में हुए बम विस्फोट के आरोपी आंतकी अब्दुल करीम टुंडा को जान का खतरा है। इस संबंध में गृहमंत्रालय से आए पत्र के बाद अदालत ने उसकी वीडियो कांफ्रे¨सग से पेशी मंजूर की और सोमवार को उसकी पहली बार वीसी से पेशी हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस के निरीक्षक समेत तीन गवाहों ने बयान भी दर्ज कराए। अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 28 अगस्त निर्धारित की है।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शर्मा की अदालत में सोमवार को किला रोड और सब्जी मंडी में हुए बम विस्फोट के मुकदमे की सुनवाई हुई।अधिवक्ता के मुताबिक वृद्धावस्था और बीमारी के चलते अब्दुल करीम उर्फ टुंडा वीडियो कांफ्रे¨सग से पेशी की मांग कर चुका था। वहीं, दिल्ली पुलिस भी तिहाड़ जेल से रोहतक लाने के दौरान खतरा व मोटे खर्च का हवाला देकर वीसी से पेशी की मांग कर चुकी थी। इसके बावजूद उसे अनुमति नहीं मिली थी। मार्च माह में गृहमंत्रालय ने एक पत्र भेजकर अवगत कराया था कि रोहतक पेशी पर आने के दौरान टुंडा की जान को खतरा है। इसके बाद अदालत ने उसकी वीडियो कांफ्रे¨सग से पेशी को मंजूरी दे दी थी। सोमवार को पहली बार उसकी वीसी से पेशी हुई। दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर राजेंद्र भाटिया, रामायण व काकू राम मुकदमे में गवाह थे और वह बयान दर्ज कराने पहुंचे। तीनों ने अब्दुल करीम टुंडा को पहचानने से इंकार किया। इसके अलाव एक अन्य गवाह के बयान नहीं दर्ज कराए गए।
गृह मंत्रालय से आए पत्र से हुई जानकारी
गृह मंत्रालय से आए पत्र से अवगत हुआ कि तिहाड़ से रोहतक लाने के दौरान टुंडा की जान को खतरा है। इस पत्र पर संज्ञान लेने के बाद अदालत ने उसकी वीडियो कांफ्रे¨सग से पेशी को मंजूरी दी। तीन गवाहों ने उसे पहचानने से इंकार किया और चौथे के मुकरने की आशंका से बयान नहीं दर्ज कराए गए।
विनीत कुमार, टुंडा के अधिवक्ता