ऐतिहासिक तालाब में मिला गंदे नाले का पानी
फोटो संख्या : 15 संवाद सहयोगी, महम : शहर के पुराने बस स्टैंड स्थित ऐतिहासिक जलभरत तालाब का पा
फोटो संख्या : 15
संवाद सहयोगी, महम :
शहर के पुराने बस स्टैंड स्थित ऐतिहासिक जलभरत तालाब का पानी वर्षों पहले पीने के लिए प्रयोग किया जाता था। तालाब में लोगों के स्नान के लिए सुंदर घाटों का भी निर्माण किया गया था। लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा के कारण तालाब के अस्तित्व पर संकट गहरा रहा है। तालाब के किनारों पर बनाए घाट नष्ट हो चुके हैं। वहीं तालाब के पानी को पीना तो दूर इसके आस-पास से निकलने में भी दिक्कत हो रही है। शहर से निकलने वाले सीवरों और गंदे नालों का पानी तालाब में मिलने से तालाब का पानी काला हो चुका है। पानी खराब होने के कारण पशुपालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं तालाब में उगी घास पशुओं के लिए जंजाल बनी हुई है। शहरवासी तालाब की सफाई के लिए उच्च अधिकारियों से भी गुहार लगा चुके हैं। लेकिन उसके बावजूद भी कोई समाधान नहीं हो पा रहा है।
शहरवासी शमशेर, रामनिवास, बलवान, दिलबाग, बलवान, जयभगवान, बलराज, कृष्ण, काला ने बताया कि जलभरत तालाब का पानी खराब होने तथा पानी में घास उगने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ समय पहले तालाब का पानी इतना साफ होता था कि इस पानी को दूध में मिलाने के लिए प्रयोग किया जाता था। लेकिन नपा की लापरवाही के चलते तालाब का अस्तित्व समाप्त हो रहा है। तालाब में शहर से निकलने वाले गंदे नालों तथा सीवरों को मिला दिया गया। वहीं तालाब की सफाई भी नहीं की गई। जिससे तालाब का पानी खराब हो गया तथा इससे बदबू आनी शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि तालाब की सफाई न होने के कारण किनारों पर घास उग चुकी है। घास की समय पर सफाई न होने के कारण घास इतनी उंची हो चुकी है इसमें पानी पीने से आ रहे पशु फंस जाते हैं, जिन्हे तालाश करने के लिए पूरे दिन गंदे पानी में रहना पड़ता है।