बच्चे की मौत पर विभागाध्यक्ष ने दी सफाई
जागरण संवाददाता, रोहतक : पीजीआइएमएस के शिशु रोग की विभागाध्यक्ष डॉ. गीता गठवाला ने बच्चे की मौत प
जागरण संवाददाता, रोहतक :
पीजीआइएमएस के शिशु रोग की विभागाध्यक्ष डॉ. गीता गठवाला ने बच्चे की मौत पर सफाई दी है। पहले जहा सांस की नली में दवा जाने से बच्चे की मौत बताई जा रही थी तो दूसरे ही दिन मौत का कारण दूसरा बताए जाने लगा। इसके कारण डॉक्टरों की मंशा कहीं न कहीं संदिग्ध मानी जा रही है। आरोप तो यह भी लगाए जा रहे हैं कि बच्चे की मौत और हंगामे के बाद पूरी फाइल ही बदल दी गई है। ताकि उनकी लापरवाही का कोई भी सबूत नहीं रह जाए।
मालूम हो कि वार्ड नंबर 16 में टिटोली निवासी सुमित्रा पत्नी बलवान के बच्चे की 21 मई की रात को मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया था कि बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाने से उसकी मौत हो गई। उसके पिता ने डॉक्टरों पर अभद्रता के भी आरोप लगाए। परिजनों ने इसकी शिकायत यहां के अधिकारियों से करने के साथ ही पुलिस अधीक्षक से भी की। उधर विभागाध्यक्ष ने शनिवार को इस पूरे मामले में अपनी सफाई दी। कहा कि बेबी ऑफ सुमित्रा की 22 मई को इंजेक्शन लगाने से मौत नहीं हुई। बताया कि 21 मई को जो एंटीबॉयोटिक इंजेक्शन लगाया गया वह 18 से ही लगाया जा रहा था। डॉ. गठवाला ने अपनी सफाई में कहा है कि बच्चा प्रीमेच्योर था और जन्म के समय उसका वजन 1.8 किलोग्राम था। डॉ. गीता गठवाला ने बताया कि उसका ईलाज विभाग के सीनियर डॉक्टर की देखरेख में किया गया। दावा किया कि बच्चे के ईलाज में लापरवाही नहीं बरती गई। वहीं शुक्रवार को कार्यवाह निदेशक डॉ. केबी गुप्ता एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अशोक चौहान ने बताया था कि बच्चे की मौत गलत इंजेक्शन से नहीं बल्कि गल फी¨डग से हुई है। बताया कि कोई उसको चम्मच से दवा दे रहा था इसके लिए उसकी सांस की नली में समस्या उत्पन्न हो गई।
इनसेट
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बच्चे का पोस्टमार्टम कराया
रोहतक। बलवान के बच्चे की मौत 21 मई को ही हुई थी लेकिन पुलिस की लापरवाही के कारण शुक्रवार को पोस्टमार्टम नहीं हो सका। शनिवार को यह कार्रवाई पूरी कर ली गई। इस संबंध में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अशोक चौहान ने बताया कि विभाग पोस्टमार्टम तो शुक्रवार हो ही हो गया होता। इसके लिए टीम भी तैयार थी, लेकिन पुलिस ने जरूरी कागजात नहीं सौंपे थे।