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सत्ता का अनुभव नहीं, लेकिन सेवा का लंबा अनुभव

-मुख्यमंत्री ने कहा कानून जनता के लिए है, जनता कानून के लिए नहीं -प्रदेश में साधन पर्याप्त, बेहतर

By Edited By: Published: Wed, 15 Apr 2015 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2015 01:00 AM (IST)
सत्ता का अनुभव नहीं, लेकिन सेवा का लंबा अनुभव

-मुख्यमंत्री ने कहा कानून जनता के लिए है, जनता कानून के लिए नहीं

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-प्रदेश में साधन पर्याप्त, बेहतर प्रयोग करने की जरूरत

फोटो संख्या - 4

ओपी वशिष्ठ, रोहतक

बेशक, मुझे सत्ता का अनुभव नहीं है, लेकिन जनता की सेवा करने का लंबा अनुभव मेरे पास है। इसलिए जनता की सेवा करना पहली प्राथमिकता रहेगी, प्रदेश की जनता की सेवा करने की जिम्मेदारी जो सौंपी गई है मैं उसमें कभी विफल भी नहीं रहूंगा। यह कहना है मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का। मुख्यमंत्री बनने के बाद मनोहर लाल खट्टर मंगलवार को पहली बार प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में हरियाणा सरकार के विजन के बारे में बातचीत कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने दिल्ली बाईपास स्थित सर्किट हाउस में अपनी पुरानी यादों को सांझा करते हुए कहा कि दिल्ली बाईपास से दिल्ली जाते वक्त रोडवेज की बस से सफर करता था। कभी बस में सीट मिल जाती तो कभी खड़े रहकर भी सफर पूरा होता था। दो साल रोहतक में पढ़ाई भी की। मुझे भी पता नहीं था कि वो एक दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे। यह तो एक सपना देखने का समान था, सपना तो क्या यह कभी सोचा भी नहीं कि उसे इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिल जाएगी। लेकिन जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे बखूबी निभाऊंगा। सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं बल्कि सेवा करने के लिए मिलती है। लेकिन पिछली सरकारों ने सत्ता का सुख भोगा, जिसके कारण आज प्रदेश में जनता के सामने ढेर सारी समस्याएं खड़ी हैं। सरकार ने साढ़े पांच माह में कुछ समस्याओं का तो हल कर लिया है, लेकिन अभी बहुत सारी समस्याओं का हल निकालना है। जनता के सामने काफी दुख -तकलीफ है, जिनको प्राथमिकता से दूर करना है।

कानून जनता के लिए, जनता कानून के लिए नहीं

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कोई भी कानून जनता के लिए बने है, न कि जनता कानून के लिए है। इसलिए जनता के हित सर्वपरि है। प्रदेश में जिन युवाओं को रोजगार नहीं मिला है, उनको रोजगार देना है। इतना ही नहीं जिन कर्मचारियों को रोजगार मिला है, उनपर भी असुरक्षा की तलवार लटकी हुई है। लेकिन धीरे-धीरे इसके लिए समाधान खोजा जा रहा है।


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