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पार्षद दरकिनार, बिना वरीयता के लगाए टेंडर

जागरण संवाददाता, रोहतक : नगर निगम की ओर से विकास कार्यो के लिए लगाए गए टेंडर में पार्षदों को दरकिनार

By Edited By: Published: Wed, 15 Apr 2015 12:16 AM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2015 12:16 AM (IST)
पार्षद दरकिनार, बिना वरीयता के लगाए टेंडर

जागरण संवाददाता, रोहतक : नगर निगम की ओर से विकास कार्यो के लिए लगाए गए टेंडर में पार्षदों को दरकिनार कर दिया गया है। पार्षदों से सुझाव लिए बिना ही निगम अधिकारियों ने अपनी मर्जी से टेंडर लगा दिए गए हैं। निगम ने जिन कार्यों के टेंडर लगाए हैं, उनमें पार्षदों की ओर से दी गई वरीयता वाले कार्यों को शामिल नहीं किया गया है। इससे पार्षदों में जबरदस्त रोष है। निगम की बजट वाली बैठक में अधिकारियों को पार्षदों के विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है।

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करीब 2 करोड़ से 29 कार्यो के लिए लगाए टेंडर

निगम प्रशासन की ओर से करीब 2 करोड़ रुपये से होने वाले 29 कार्यों के टेंडर लगाए गए हैं। सोमवार को इन कार्यों के टेंडर लगाए गए हैं। कुछ एक वार्डों को छोड़कर इस टेंडर में अधिकांश वार्डों के कार्यों को शामिल किया गया है।

दो वार्डो की बिल्कुल अनदेखी :

निगम की ओर से जो टेंडर लगाए गए हैं उनमें दो वार्डों की बिल्कुल अनदेखी की गई है। निगम की ओर से वार्ड 2 व 12 के वार्डों के एक भी कार्य का टेंडर नहीं लगाया गया है।

यह सरासर गलत : भाटी

डिप्टी मेयर अशोक भाटी का कहना है कि निगम ने जो भी टेंडर लगाए हैं, उनमें पार्षदों की वरीयता सूची वाला एक भी काम नहीं हैं। यह सरासर गलत है। इस बारे में निगम अधिकारियों से जवाब तलब किया जाएगा।

निगम के इस कदम का करेंगे विरोध :अशोक

पार्षद अशोक खुराना ने कहा कि निगम के इस कदम का विरोध किया जाएगा। सदन की बैठक में यह पास हुआ था कि पार्षदों की सहमति के बिना काम नहीं होंगे। फिर भी निगम ने अपनी मर्जी के कार्यों के टेंडर लगा दिए जो गलत है।

आयुक्त व जेसी से करेंगे जवाब तलब :मेयर

मेयर रेणू डाबला का कहना है कि पार्षदों की वरीयता सूची भी ली गई और उन कार्यों को टेंडर में भी शामिल नहीं किया गया। इस बारे में आयुक्त व संयुक्त आयुक्त से जवाब तलब किया जाएगा।

शिलान्यास पत्थर पर नहीं पार्षद का नाम :

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से पुराने आटीआइ मैदान में सामुदायिक केंद्र भवन का शिलान्यास किया है। इस पत्थर पर किसी भी पार्षद का नाम नहीं लगाया गया है। सदन की बैठक में यह पहले ही पास किया जा चुका है कि निगम में जो भी पत्थर लगेगा उस पर संबंधित पार्षद का नाम जरूर लगेगा। मगर प्रशासन की ओर से इस बार फिर पार्षद की अनदेखी की गई है।


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