निगम के राडार पर लखपति बकायेदार
कृष्ण वशिष्ठ, रोहतक एक लाख से अधिक राशि के प्रॉपर्टी टैक्स बकायेदार नगर निगम प्रशासन के राडार पर आ
कृष्ण वशिष्ठ, रोहतक
एक लाख से अधिक राशि के प्रॉपर्टी टैक्स बकायेदार नगर निगम प्रशासन के राडार पर आ गए हैं। ऐसे बकायेदारों की निगम ने सूची बनानी शुरु कर दी है। शहर के चार वार्डों में ही निगम को 50 ऐसे बकायेदार मिले हैं, जिन पर सवा दो करोड़ से अधिक की राशि बकाया है। सूची में एक व्यक्ति पर 17 लाख तो एक पर 24 लाख रुपये का भी प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। जरा सोचिए अगर चार वार्डो में ही यह हाल है तो पूरे शहर में प्रोपर्टी टैक्स का क्या हाल होगा। निगम ने ऐसे बकायेदारों के बिल बनाकर भेजना शुरु कर दिया है। निगम प्रशासन की मानें तो शहर के अन्य वार्डो के लखपति बकायेदारों की सूची जल्द ही बना ली जाएगी और उन्हें भी बिल भेजे जाएंगे।
तीन साल से नहीं चुकाया, अब पहुंच गए लाखों पार
दरअसल, प्रदेश सरकार ने अक्तूबर 2013 में शहर में रहने वाले लोगों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने का निर्णय लिया था। सरकार की घोषणा के अनुसार यह प्रॉपर्टी टैक्स वर्ष 2011-12, 2012-13 व 2013-14 का एक ही साथ वसूला जाए। सरकार ने जुलाई 2014 तक एकमुश्त टैक्स का भुगतान करने को छूट भी दी थी लेकिन भारी संख्या में लोगों ने यह टैक्स जमा नहीं कराया। ऐसे लोगों का टैक्स एक लाख रुपये भी अधिक हो गया है और वो अब भी टैक्स जमा नहीं करा रहे हैं। निगम के अधिकारियों ने जब टैक्स की समीक्षा की तो पता चला कि भारी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन पर एक-एक लाख से भी अधिक का बकाया हो चुका है। ऐसे में इन लोगों को नोटिस कम बिल भेजने के निर्देश दिए हैं।
चार वार्डों में 50 लोगों पर मिला 2 करोड़ 37 लाख का बकाया
नगर निगम की कर शाखा सबसे पहले वार्ड 17 से लेकर 20 तक के कर दाताओं की जांच तो करीब 50 लोग ऐसे मिले जिन पर एक लाख से अधिक का बकाया मिला। इन लोगों पर करीब 2 करोड़ 37 लाख रुपये का बकाया मिला है। अगर यह राशि जल्द ही वसूली गई तो निगम को काफी आय हो सकेगी।
एक पर 24 तो एक पर 17 लाख का बकाया
शहर के सुनारिया रोड स्थित एक वाणिज्यिक भवन मालिक पर 24 लाख से भी अधिक का बकाया मिला है। इसके अलावा झज्जर रोड स्थित एक व्यक्ति पर 17 लाख रुपये तक का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है।
पांच करोड़ का लक्ष्य, हासिल हुआ सिर्फ डेढ़ करोड़
नगर निगम प्रशासन ने वर्ष 2014-15 के लिए पांच करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने का लक्ष्य रखा गया था। बिल वितरण न होने की वजह से टैक्स को वसूलने का कार्य नहीं हो सका। ऐसे में अपनी मर्जी से ही कुछ लोगों ने टैक्स का भुगतान किया या फिर विभिन्न तरीके के लाइसेंस लेने वाले लोगों ने यह टैक्स जमा कराया। इस तरह निगम को करीब डेढ़ करोड़ की आय प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में हो सकी।
निगमायुक्त ने दी अनुमति, अब जल्द होगा ई-टैंडर
प्रॉपर्टी टैक्स के वर्ष 2014-15 बिल बनाने व उनका वितरण करने के कार्य का ठेका देने के लिए ई-टैंडर करने की अनुमति निगम आयुक्त ने दी है। इस कार्य को ठेके पर देने के लिए निगम प्रशासन की ओर से अब बहुत जल्द ही ई-टैंडर कर दिया जाएगा। जिन चार एजेंसियों ने मैन्यूअल तरीके से टैंडर लगाए थे, उनकी सीलबंद टैंडर फार्म वापस कर दिए जाएंगे। गौरतलब है कि निगम प्रशासन ने प्रॉपर्टी टैक्स के बिल बनाने व वितरण के कार्य को ठेके पर देने के लिए मैन्यूअल तरीके से टैंडर किए गए थे, जिसे बाद में रद कर दिया था। चार लोगों ने निगम से ये टैंडर खरीदे थे।
अब जल्द किए जाएंगे टैंडर : अन्नू
निगम की संयुक्त आयुक्त अन्नू श्योकंद का कहना है कि प्रॉपर्टी टैक्स के बिल बनाने व वितरण करने के कार्य को ठेके पर देने के लिए ई-टैंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब जल्द ही ई-टैंडर कर दिए जाएंगे।