अपहरण, दुष्कर्म व लूट के मुकदमे के आरोपी बरी
- प्रेम विवाह करने वाली युवती के परिजनों ने दर्ज कराया था मुकदमा - कोर्ट ने केस बनाने वाली पुलिस ट
- प्रेम विवाह करने वाली युवती के परिजनों ने दर्ज कराया था मुकदमा
- कोर्ट ने केस बनाने वाली पुलिस टीम पर कार्रवाई के दिए निर्देश
जागरण संवाददाता, रोहतक : प्रेम विवाह करने वाले युवक और उसके परिवार को 4 वर्ष के संघर्ष के बाद राहत मिली है। एडिशनल सेशन जज सीमा ¨सघल की कोर्ट ने प्रेमी और उसके परिवार को दुष्कर्म, अपहरण और लूट के मुकदमे से बरी कर दिया है। वहीं, कोर्ट ने एसपी को मुकदमे की जांच करने वाली पुलिस टीम पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं।
अधिवक्ता रामनारायण सैनी ने बताया कि इंद्रा कॉलोनी निवासी संजय सैनी का पड़ोस की युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। संजय सैनी और उसकी प्रेमिका ने 10 फरवरी 2010 को दिल्ली के आर्यसमाज मंदिर में विवाह कर लिया था। 24 फरवरी 2010 को इस विवाह को निगम कार्यालय में भी रजिस्टर्ड करा दिया गया था। इसके बाद युवती के परिवार के लोग समाजिक हिसाब से विवाह करने की बात कहकर उसे अपने साथ ले गए थे। 14 जून 2010 को युवती ने सिटी थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया कि संजय सैनी, उसका जीजा सुरेंद्र और संजय उसे कार में अगवा कर ले गए। तीनों ने उससे दुष्कर्म किया। इसके बाद दिल्ली ले जाकर संजय की मां ओमपति, पिता प्रेम¨सह और भाई मुकेश, बहन निर्मला व नीरो ने उससे रुपये व बैग छीन लिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी थी। कोर्ट ने गवाहों के बयान और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। वहीं, कोर्ट ने एसपी को निर्देश दिया है कि वह इस मामले की जांच करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करे।
मुआवजा देने के लिए डीसी को निर्देश
कोर्ट ने इस मामले में उपायुक्त को भी निर्देश दिया है कि वह पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की कृपा करे। क्योंकि दोष ना होने के बावजूद उन्हें 4 वर्ष तक परेशानी उठानी पड़ी।