ऑटो चालक बन गया 'पर्यावरण सारथी'
जेपी शर्मा, रोहतक समाज में कुछ विशेष करने के लिए बड़े स्कूल में जाकर पढ़ाई करना या उच्च शिक्षा ग
जेपी शर्मा, रोहतक
समाज में कुछ विशेष करने के लिए बड़े स्कूल में जाकर पढ़ाई करना या उच्च शिक्षा ग्रहण करना जरूरी नहीं है। अगर, मनुष्य के भीतर कुछ अच्छा करने के ललक हो तो वह हर स्थिति में बेहतर कर सकता है। शहर की सड़क पर ऑटो चलाकर परिवार का भरण-पोषण करने वाले ऑटो चालक जगदीश ने इसे साबित भी कर दिखाया। जगदीश को पर्यावरण संरक्षण की ऐसी धुन सवार है कि वह कई हजार पौधे लगा चुका है और लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहा है। वह पर्यावरण संरक्षण और लोगों को जागरूक करने के लिए हर संभव प्रयास करता है।
मूलरूप से पाना खेड़ी बालंद निवासी 41 वर्षीय जगदीश शर्मा वर्तमान में विजय नगर में रहता है। जगदीश शर्मा बीस वर्ष से पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयासरत है। जगदीश ने अपने घर के पास एक नर्सरी बना रखी है। नर्सरी का नाम अपने पिता जयनारायण और फूलवती के नाम को मिलाकर जयफूल क्रांति नर्सरी रखा है। वहीं, जगदीश शहर में इस नर्सरी का भरपूर प्रचार करता है। जगदीश की नर्सरी की खास बात यह है वह नर्सरी से बच्चों के जन्मदिन एवं विशेष आयोजनों पर लोगों के घर जाकर मुफ्त पौधे लगाता है। जगदीश इसकी सूचना के लिए जगह-जगह पर प्रचार करता है।
मंडल ही नहीं दिल्ली में भी लगाए पौधे
जगदीश का कहना है कि उसने दिल्ली के इंडिया गेट, कुरुक्षेत्र, पांड ¨पडारा जींद गोशाला, सोनीपत, बालंद श्मशानघाट, थैली आला बाबा, सुनारिया स्कूल, गोरड़ गोरखनाथ मंदिर सोनीपत, गोसाई खेड़ा जींद और गुढ़ा, झज्जर एवं रोहतक की लगभग सभी कॉलोनियों में जगदीश ने पौधे लगाए हैं।
पशु-पक्षियों की सेवा के लिए भी करता है जागरूक
जगदीश पर्यावरण संरक्षण के साथ पशु पक्षियों की सेवा के लिए भी लोगों को जागरूक करता है। उसका कहना है कि सभी जीवों को प्रकृति ने अपने काम सौंपे हैं। इंसानों को सभी जीवों की रक्षा कर उनकी सेवा करनी चाहिए।
लिख डाली किताब और दुकान व
ऑटो पर जागरूकता की पंक्तियां
12 साल पहले जगदीश उपायुक्त कार्यालय में चाय की दुकान चलाता था। उसने अपनी दुकान पर भी लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न पंक्तियां लिखी हुई थीं। अब जगदीश ने ऑटो पर भी इसी तरह की पंक्तियां लिखी हुईं हैं। वहीं, जगदीश ने लोगों को जागरूक करने के लिए 'अपना लक्ष्य' नाम से एक पुस्तक भी लिखी है।