सच्ची मित्रता के परिणाम सार्थक होते है : पंडित आत्रेय
जागरण संवाददाता, रोहतक : गांव डोभ में चल रही श्रीराम कथा के दौरान पंडित राधेश्याम आत्रेय ने भक्तों क
जागरण संवाददाता, रोहतक : गांव डोभ में चल रही श्रीराम कथा के दौरान पंडित राधेश्याम आत्रेय ने भक्तों को श्रीराम व नारद के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नारद श्राप के कारण ही भगवान राम नारी विरह में भटक रहे थे। श्रीराम ने कहा कि मैं अपने भक्तों को ऐसे रखता हूं जैसे मां अपने बच्चों को रखती है तथा श्रीराम ने संतों के लक्षण बताए। उन्होंने कहा कि भगवान उस पर्वत पर पहुंचे, जहां महाराज सुग्रीव रहता था और वहां हनुमान ने उन्हें पहचान लिया और उनके चरणों में गिर गए।
कथा के दौरान पंडित राधेश्याम आत्रेय ने बताया कि महाराज सुग्रीव ने प्रभु को वो आभूषण दिखाए, जो माता जानकी ने गिराए थे। उन्होंने अपनी व्यथा भी प्रभु को बताई। कथा के दौरान उन्होंने बताया किस प्रकार श्रीराम ने अनैतिक, अधर्मी, पराई स्त्री को अपने वश में रखने वाले बाली का वध किया और महाराज सुग्रीव को राजा बनाकर उससे मित्रता धर्म निभाने की बात की। उन्होंने बताया कि प्रभु राम ने हनुमान के माध्यम से माता सीता का पता लगवाया। हनुमत ने श्रीराम को बताया कि सीता माता सिर्फ आपके बारे में ही सोचती हैं और रावण का भाई विभीषण आपका भक्त है तथा आपसे मिलने को आतुर है। प्रभु राम ने सारा वृतांत सुनकर हनुमान को गले लगाया और अनन्य भक्ति का वरदान दिया। इस मौके पर बालाजी सेवा मंडल के प्रधान पुरूषोत्तम दास बंसल ने बताया कि कथा के समापन पर रविवार को हवन यज्ञ व विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर विनोद गुप्ता, अमित सैनी, रमेश गुप्ता, धर्मपाल रोहिल्ला, सत्यवान सैनी, अजीत पंवार, मनमोहन, प्रीत ¨सह राठी, नरेंद्र गोच्छी, श्यामलाला गुप्ता, र¨वद्र राठी, रेणू बल्हारा, मनोज प्रजापति, सतीश जांगिड़, राधे प¨डत, मनोज बल्हारा, सचिन गर्ग, रमेश, योगेश, अमित मित्तल, मुकेश गुप्ता, आशु बंसल, गौरव बंसल, कन्हैया गुप्ता, भीम ¨सह रंगा, सतीस अग्रवाल सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।