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भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सकता है आरटीआई : सुभाष

जागरण संवाददाता, रोहतक : आरटीआइ कानून का महत्व केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने तक सीमित नहीं है

By Edited By: Published: Sun, 21 Dec 2014 01:15 AM (IST)Updated: Sun, 21 Dec 2014 01:15 AM (IST)
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सकता है आरटीआई : सुभाष

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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आरटीआइ कानून का महत्व केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने तक सीमित नहीं है बल्कि इस अधिकार के माध्यम से पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में आम लोगों की सक्रिय हिस्सेदारी बढÞ़ने की तमाम संभावनाएं निहित हैं। ये शब्द हरियाणा सूचना अधिकार मंच के राज्य संयोजक सुभाष ने रविवार को लालनाथ ¨हदू कालेज में आयोजित एनएसएस शिविर के दौरान स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने बताया कि भारत में सूचना अधिकार अधिनियम 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ था। इस अधिकार के तहत नागरिकों को सरकारी, गैर सरकारी कार्यालयों में फाइलों में दर्ज सूचनाओं को जानने और पूछने का अधिकार देता है। देश के सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के यह अधिकार मिला हुआ है। उन्होंने बताया कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाला व्यक्ति हो या अमीर सभी को जानने का हक है। इसमें उम्र व शिक्षा का कोई बंधन नहीं है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सवाल यह उठता है कि जानना क्यों जरूरी है? जानना इसलिए जरूरी है कि हम सरकार चलाने के लिए अपने प्रतिनिधि चुनते हैं और सरकार को टैक्स भी देते हैं। लोकतंत्र में शासन लोगों के लिए ही होता है। सारा सरकारी काम हमारे लिए, हमारे पैसों से होता है। हमारे द्वारा दिए गए पैसों का सही इस्तेमाल हो रहा है या नहीं इसे जानने का हमें पूरा अधिकार हैं। उन्होंने बताया कि कई ऐसे निर्णय आते हैं जो हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। सरकारी कामों में हमारा बहुत पैसा भी लगता है। हमें यह अधिकार है कि हमें ऐसी जरूरी बातों के बारे में पता चले, यदि सारे कामों के बारे में खुली जानकारी होगी तो भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी। इसे कहते हैं शासन में लोगों की भागीदारी एवं पारदर्शिता। उन्होंने स्वयंसेवकों को सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदन लिखने, सूचना ना मिलने पर प्रथम अपील करने और राज्य सूचना आयोग में दूसरी अपील लिखने के तरीके चार्ट के माध्यम से बताए। इसके बाद प्रतिभागियों ने सवाल पूछे। एक छात्र ने पूछा कि फीस किस रूप में अदा की जा सकती है। एक अन्य छात्र ने पूछा कि मेरा खेल प्रमाण पत्र अभी नहीं मिला है इसमें आरटीआई कानून क्या मदद कर सकता है। एक छात्र ने पूछा कि कौन सी ऐसी जानकारी है जो हम आरटीआई के माध्यम से नहीं मांग सकते। स्वयंसेवकों के सभी सवालों का सुभाष ने निवारण किया। इसके बाद प्रतिभागियों ने कालेज मैदान की सफाई की। इससे पहले प्राथमिक चिकित्सा संबंधी जानकिारी भी ली। इस अवसर पर एनएसएस की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रतिभा और कालेज प्राचार्य डॉ. अशोक बतरा भी मौजूद रहे।


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