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पीजीआइ निदेशक पद पाने को जोर आजमाइश

जागरण संवाददाता, रोहतक : पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य संस्थान पीजीआइएमएस में खाली हुए निदेशक प

By Edited By: Published: Sun, 21 Dec 2014 01:15 AM (IST)Updated: Sun, 21 Dec 2014 01:15 AM (IST)
पीजीआइ निदेशक पद पाने को जोर आजमाइश

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य संस्थान पीजीआइएमएस में खाली हुए निदेशक पद को पाने के लिए दावेदारों में जोर आजमाइश शुरू हो गई है। संस्थान के ही कई चिकित्सक इस पद के लिए दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी ने भी अपने पत्ते नहीं खोले है। इतना जरूर है कि निदेशक पद पर विराजमान वही होगा, जिसपर भाजपा सरकार प्रताप होगा।

विदित रहे कि पीजीआइएमएस के निदशेक डॉ. चांद ¨सह ढुल ने लंबे अर्से के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि डॉ. चांद ¨सह संस्थान में अपनी सेवाएं जारी रखेंगे। डॉ. ढुल क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में कार्यभार संभाल भी चुके हैं। लेकिन अब निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पद को हासिल करने के लिए संस्थान के कई वरिष्ठ चिकित्सक जुगत में लग गए है। इतना ही नहीं भाजपा सरकार के नजदीकी चिकित्सकों ने अपने राजनीतिक आकाओं के पास हाजिरी लगानी भी शुरू कर दी। सूत्रों की मानें तो रोहतक के विधायक मनीष ग्रोवर के पास भी कई दावेदार ढेरा डाले हुए हैं। लेकिन निदेशक पद किसे हासिल होगा, यह तो आने वाला समय ही तय करेंगा।

चर्चा में है इनकी दावेदारी

विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पीजीआइ के तीन वरिष्ठ चिकित्सकों की दावेदारी की चर्चा जोरों से चल रही है। जिनमें रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. रोहतास यादव, नेत्र रोग विभाग से वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जेएस खुराना और मेडिसन विभाग से डॉ. वीके कत्याल के नाम निदेशक पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे है। हालांकि इन चिकित्सकों ने भी सार्वजनिक रूप से अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इसके अलावा भी कई चिकित्सकों की निदेशक पद पर नजर टिकी है।

संस्थान में होने लगा कामकाज प्रभावित

डॉ. चांद ¨सह ढुल के इस्तीफा देने के बाद से निदेशक का पद खाली हो गया है। हालांकि कार्यकारी निदेशक वर्तमान में भी डॉ. चांद ¨सह ढुल ही हैं। लेकिन स्थाई तौर पर निदेशक न होने पर संस्थान में कामकाज प्रभावित होने लगा है। अगर शीघ्र ही निदेशक पद को नहीं भरा गया तो फिर संस्थान में व्यवस्थाएं पूरी तरह से गड़बड़ा जाएगी, जो बाद में नियंत्रित होना संभव नहीं है।


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