ट्रैफिक नियम तोड़ा तो चालान से नहीं बचोंगे
पुल वन की प्रस्तावित लीड.. फ्लैग : हाईटेक रोहतक पुलिस ने एक और कदम बढ़ाया - नए वर्ष पर शुरू होगा
पुल वन की प्रस्तावित लीड..
फ्लैग : हाईटेक रोहतक पुलिस ने एक और कदम बढ़ाया
- नए वर्ष पर शुरू होगा पोस्टल चालान सिस्टम
- वाहन चालक नियम तोड़ने पर बच नहीं पाएंगे
- पुलिस ने जिला के सभी वाहनों का किया डाटा बेस तैयार
फोटो संख्या - 1
ओपी वशिष्ठ , रोहतक
अगर ट्रैफिक नियम तोड़कर वाहन चालक बिना किसी रोक-टोक के घर पहुंच जाता है तो उसके लिए यह सोचना गलत होगा कि वह ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई से बच गया है। रोहतक पुलिस अब मेट्रो सिटी की तर्ज पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों को सबक सिखाने के लिए पोस्टल चालान सिस्टम लागू करने जा रही है। योजना को लेकर ट्रायल शुरू हो चुका है, जो नए वर्ष पर लागू कर दिया जाएगा।
शहर की बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जिला पुलिस ने पोस्टल चालान सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया। इस योजना से कोई भी वाहन चालक ट्रैफिक नियम तोड़ने के बाद चालान से नहीं बच सकेगा। पहले जहां पुलिस वाहन को रोक कर चालान करती थी, लेकिन अब वाहन को रोकने की जरूरत नहीं होगी। नियम तोड़ने वाले वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर से मालिक के नाम और पते की जानकारी लगाकर उसके घर पोस्टल चालान भेजा जाएगा। पुलिस द्वारा भेजा गया पोस्टल चालन मालिक भी माना जाएगा, जिसमें जिस समय वाहन चला रहे ड्राइवर का नाम बताना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो फिर मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
नियम तोड़ने पर ऐसे होगी वाहन की पहचान
जिला पुलिस ने परिवहन विभाग व एसडीएम कार्यालय में रजिस्टर्ड वाहनों का डाटा लेकर अलग से डाटा बैंक तैयार कर लिया है। अब पुलिस महत्वपूर्ण चौराहें व भीड़भाड़ वाले एरिया में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व सादी वर्दी में तैनात पुलिस कर्मियों से वीडियोग्राफी कराएगी। वहीं, ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर को डाटाबेस से वाहन मालिक के नाम और पते की जानकारी हासिल की जाएगी। मालिक के घर पर पोस्ट से चालान भेजा जाएगा।
वाहन मालिक को मिलेगा पक्ष रखने का मौका
पुलिस द्वारा भेजे गए पोस्टल चालान में मालिक को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। चालान में ही पुलिस के ई-मेल, पोस्टल से जवाब भेजने का पता और ट्रैफिक थाने में हाजिर होकर पक्ष रख सकता है। इतना ही नहीं उसके वाहन ने ट्रैफिक नियत तोड़ा या नहीं, इसकी पुष्टि भी कराई जाएगी। इसके बाद चालान भरने के सिवाय दूसरा कोई चारा नियम तोड़ने वाले के पास नहीं होगा।
सिफारिश, भ्रष्टाचार व बहसबाजी पर लगेगी रोक
अक्सर पुलिस कर्मियों पर वाहन चालकों से ट्रैफिक नियम तोड़ने पर रिश्वत लेने के आरोप लगते हैं। वहीं, पुलिस कर्मी और वाहन चालक के बीच बहसबाजी और नोक-झोंक भी होती है। कई बार तो मारपीट तक भी नौबत भी हुई है। फोन पर नेता या प्रभावशाली लोगों की सिफारिश भी चालान काटने के दौरान कराई जाती है। पोस्टल चालन सिस्टम से भ्रष्टाचार, बहसबाजी और सिफारिश के मामले पर अंकुश लग जाएगा।
एक सप्ताह से दस दिन का मिलेगा समय
पुलिस पोस्टल चालान सिस्टम में एक सप्ताह से दस दिन तक समय लगेगा। वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर से वाहन मालिक का पता लगाकर पोस्ट से चालान भेजा जाएगा। मालिक से जवाब मांगा जाएगा, मालिक तो पोस्टल, ई-मेल व हाजिर होकर जवाब देना होगा। वहीं, चालान ब्रांच में भुगतान करना होगा। इस प्रक्रिया में अधिकतम दस दिन का समय लगेगा। धीरे-धीरे दिनों की अवधि कम होती जाएगी।
मेडिकल मोड़ पर ट्रायल शुरू
मेडिकल मोड़ पर अवैध पार्किंग की वजह से पीजीआइएमएस में गंभीर मरीजों को लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस भी जाम में फंस जाती थी। अवैध पार्किंग की वजह से मरीज की जिंदगी भी कई बार खतरे में पड़ती रही है। यहीं कारण है कि डीएसपी ट्रैफिक अमित भाटिया के नेतृत्व में अभियान भी चलाया गया। काफी वाहनों को जब्त भी किया। अब यहां पोस्टल चालान के लिए हैंडीकैम व वीडियो कैमरों से वीडियोग्राफी कराई जा रही है ताकि वाहन चालकों के घरों में पोस्टल से चालान भी भेजे जाएंगे।
ये है मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 133
मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 133 के तहत प्रत्येक वाहन चालक को राज्य सरकार द्वारा अधिकृत पुलिस अधिकारी को जानकारी देना अनिवार्य है। इस एक्ट में अगर वाहन चालक जवाब नहीं देता या जानकारी छुपाता है तो पुलिस उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है। इस एक्ट के तहत जानकारी न देना या गलत जानकारी देने पर सजा का भी प्रावधान है।
वर्जन
बंगलुरु में पोस्टल चालान सिस्टम काफी कारगर साबित है। बंगलुरु में ट्रे¨नग के दौरान उन्होंने पोस्टल चालान सिस्टम की बारीकी को समझा। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। योजना पर काम शुरू कर दिया है। प्रारंभिक दौर में अवैध पार्किंग पर ट्रायल शुरू कर दिया। पुलिस कर्मी सादी वर्दी में वीडियोग्राफी कर रहे हैं, इसके बाद पोस्ट द्वारा चालान भेजे जाएंगे।
शशांक आनंद, पुलिस अधीक्षक, रोहतक।