बर्ड फ्लू का नहीं खौफ, ठिठुर रहे बेजुबान
जागरण संवाददाता, रोहतक : चंडीगढ़ की सुखना झील बर्ड फ्लू का आतंक झेल रही है, लेकिन तिलियार झील और चिड़
जागरण संवाददाता, रोहतक : चंडीगढ़ की सुखना झील बर्ड फ्लू का आतंक झेल रही है, लेकिन तिलियार झील और चिड़ियाघर को लेकर अफसर आश्वस्त नजर आ रहे हैं। हालांकि चिड़ियाघर में बृहस्पतिवार को चिकित्सकों ने परीक्षण किया, लेकिन इसे अफसरों ने रूटीन बताया। वहीं, तिलियार झील की बत्तखों पर भी बीमारी का डर ना होने दावा कर रहे हैं, लेकिन कड़ाके की सर्दी चिड़ियाघर के बेजुबान वन्य जीवों पर भी कड़ाके की सर्दी भारी पड़ रही है।
तिलियार झील में वर्तमान में लगभग 75 बत्तख मौजूद हैं। चडीगढ़ की सुखना झील की बत्तख बर्ल्ड फ्लू की चपेट में आई गई थी, लेकिन तिलियार की बत्तखों को अफसर इस बीमारी का कोई खतरा नहीं होने की बात कर रहे हैं। इधर, चिड़ियाघर में लगभग 125 वन्य जीव वर्तमान में मौजूद हैं। शुक्रवार को वन्य जीवों का डॉ. आरएन लठवार की टीम ने परीक्षण किया। हालांकि अफसरों का कहना था कि यह रूटीन परीक्षण था। अफसरों ने वर्ल्ड फ्लू आदि का चिड़ियाघर के जीवों पर कोई खतरा नहीं होने की बात कही, लेकिन कड़ाके की सर्दी में दोपहर के समय भी जीव ठिठुरते दिखाई दिए। पक्षी हो या अन्य जंगली जानवर सभी पर ठंड का असर दिखाई दे रहा था। वाइल्ड लाइफ अधिकारियों ने जीवों को ठंड से बचाने की व्यवस्था की थी।
टाइगर और पैंथर के लिए हीटर का प्रबंध
चिड़ियाघर में रहने वाले अधिकांश जीव-जंतुओं के लिए जहां पर्दे की व्यवस्था की है। वहीं, टाइगर और पैंथर के लिए कर्मचारियों और अफसरों ने हीटर का प्रबंध किया है। अफसरों का मानना है कि अन्य जीवों की अपेक्षा टाइगर और पैंथर में सर्दी बरदाश्त करने की क्षमता कम होती है।
चिकित्सक की टीम ने शुक्रवार को ही वन्य जीवों का स्वास्थ्य परीक्षण किया था। यह रुटीन परीक्षण था। चिड़ियाघर के किसी पक्षी को वर्ल्ड फ्लू का कोई खतरा नहीं है। सर्दी से बचाव के लिए पर्दे आदि की व्यवस्था की जा रही है।
राजेंद्र पूनिया, निरीक्षक वाइल्ड लाइफ।
तिलियार झील का पानी साफ है। यहां मौजूद बत्तख घास आदि भी खाती हैं। इन्हें वर्ल्ड फ्लू का कोई खतरा नहीं है। बत्तखों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाता है।
चंद्रभान, मंडल प्रबंधक, तिलियार पर्यटन स्थल।