Move to Jagran APP

सुरक्षा की वही कवायद, अनुयायी रहे नदारद

जागरण संवाददाता, रोहतक : रामपाल भी वही, कोर्ट भी वही, मुकदमा भी वही। इस बार रामपाल की पेशी के दौर

By Edited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 08:14 PM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 08:14 PM (IST)
सुरक्षा की वही कवायद, अनुयायी रहे नदारद

जागरण संवाददाता, रोहतक :

prime article banner

रामपाल भी वही, कोर्ट भी वही, मुकदमा भी वही। इस बार रामपाल की पेशी के दौरान कुछ नहीं था तो केवल रामपाल दास के हजारों अनुयायियों का जमावड़ा। इसे बरवाला के बवाल का असर कहें या फिर पुलिस के शिकंजे का डर पुलिस-प्रशासन के लिए मुसीबतें खड़ी करने वाला हजारों समर्थकों का जत्था शुक्रवार को रामपाल के रोहतक कोर्ट में पेशी पर आने के दौरान दिखाई नहीं दिया। जत्था तो दूर उसके इक्का दुक्का समर्थक और अनुयायी भी नजर नहीं आए।

हालांकि पुलिस-प्रशासन ने रामपाल की पेशी के दौरान सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया था।

वर्ष 2006 में हुए करौंथा आश्रम खूनी संघर्ष के मुकदमे में शुक्रवार को रामपाल को हिसार जेल से रोहतक कोर्ट पेशी पर लाया गया। हिसार जेल से ही रामपाल को कई पुलिसकर्मी कोर्ट लेकर पहुंचे। रामपाल के रोहतक पहुंचने से पहले ही कोर्ट की ओर जाने के रास्ते को नाकाबंदी कर ब्लाक कर दिया गया। वहीं, रोहतक कोर्ट में सुरक्षा बढ़ा दी गई और अनावश्यक लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई। रामपाल को सुबह लगभग साढ़े दस बजे कोर्ट में लाया गया। इसके बाद लगभग 12 बजे तक रामपाल एवं अन्य आरोपी कोर्ट में रहे। डेढ़ घंटे तक पुलिस ने चौकसी बनाए रखी।

रामपाल नहीं आ पाते, लेकिन अनुयायी बनते थे मुसीबत

करौंथा खूनी संघर्ष मुकदमे की सुनवाई के दौरान पिछली कुछ तारीखों पर रामपाल कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे, लेकिन उनके हजारों की संख्या में अनुयायी दूरदराज के प्रदेशों से शहर में देर रात से ही डेरा डाल लेते थे। अगले दिन पेशी के दौरान हजारों अनुयायियों की जत्था विभिन्न मार्गों से कोर्ट की ओर कूच करता था। इस दौरान अनुयायी जिसमें सैकड़ों महिलाएं भी शामिल रहती थी। बाबा रामपाल के जयकारे लगाने के अलावा करौंथा खूनी संघर्ष मामले में कोर्ट की कार्रवाई पर भी सवाल उठाते थे। हजारों महिलाओं-पुरुषों के एक साथ कोर्ट की ओर कूच करने के कारण शहर के मुख्य मार्ग बाधित हो जाते थे और पुलिस प्रशासन के हाथ पैर फूल जाते थे। लेकिन शुक्रवार को नजारा बदला हुआ था। रामपाल के कोर्ट में पेश होने के बावजूद उनके हजारों अनुयायी ना तो दर्शन करने के लिए जमा हुए और ना ही उन्होंने मुकदमे की जा रही कार्रवाई का विरोध जताया। हालांकि पुलिस-प्रशासन अनुयायियों के जमा होने की आशंका से ही सुरक्षा व्यवस्था का कड़ा प्रबंध किया था। लोगों का मानना है कि पुलिस की कार्रवाई के डर से रामपाल के अनुयायी जमा होने की हिम्मत नहीं दिखा पाए।

डीएसपी अमित को हिसार ऑपरेशन के बाद रोहतक में दी जिम्मेदारी

बरवाला ऑपरेशन में शामिल रही पुलिस टीम का अग्रिम पंक्ति में रहकर नेतृत्व कर रहे डीएसपी अमित भाटिया के कंधों पर रोहतक कोर्ट में पेशी के दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी भी रही। डीएसपी अमित भाटिया ने रामपाल की पेशी के दौरान सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की।

पूर्व में रामपाल की कोर्ट में तारीख के दौरान उसके अनुयायी यहां जमा होते रहे हैं। शुक्रवार को उसके पेशी पर आने के दौरान भी अनुयायियों के जमा होने की आशंका था। इसके चलते एक कंपनी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी। कोर्ट के आसपास के रास्तों की नाकाबंदी कर दी गई थी।

अमित भाटिया, डीएसपी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.