आपदा प्रबंधन के बारे में सामाजिक जागरूकता जरूरी : प्रो. विनायक
जागरण संवाददाता, रोहतक : आपदाओं से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन का ज्ञान जरूरी है। आपदा प्रबंधन के लिए
जागरण संवाददाता, रोहतक : आपदाओं से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन का ज्ञान जरूरी है। आपदा प्रबंधन के लिए आपदा रोकथाम तथा आपदा से निपटने की तैयारियों पर विशेष रूप से फोकस करना होगा। इस कार्य को युवा वर्ग सक्रिय रूप से अंजाम दे सकता है। ये उद्गार मदवि के शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो. र¨वद्र विनायक ने शुक्रवार को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारियों तथा वालंटियर्स के लिए यह आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है।
मुख्यातिथि प्रो. र¨वद्र विनायक ने कहा कि आपदा प्रबंधन बारे सामाजिक जागरूकता जरूरी है। युवा वर्ग आपदा प्रबंधन बारे कौशल विकसित कर समाज तथा राष्ट्र की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। प्रो. विनायक ने कहा कि आज प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ मानव निर्मित आपदाओं का खतरा बढ़ा है। मनुष्य प्रकृति के साथ छेड़-छाड़ कर रहा है, प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन कर रहा है, ऐसे में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। आपदा प्रबंधन संबंधित कौशल विकसित कर तथा इसी प्रकार के सामाजिक सरोकारों से जुड़कर विद्यार्थी वर्ग राष्ट्र निर्माण का कार्य प्रशस्त कर सकते हैं।
इससे पूर्व मदवि एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रणबीर ¨सह गुलिया ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने बताया कि इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ एनएसएस वालंटियर्स को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान से आए आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ सुमेध पाटिल तथा विपुल कुमार ने आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। इन विशेषज्ञों ने आपदाओं के प्रकार, विभिन्न आपदाओं के प्रबंधन बारे रोकथाम के कदम, आपदा प्रबंधन की तैयारियों, आदि बारे तकनीकी प्रेसेंटेशन दिया। सुमेध पाटिल ने कहा कि आपदाओं से जूझने के लिए आपदा प्रबंधन कैपेसिटी-बि¨ल्डग करनी होगी। इसके लिए समाज को जागृत करना होगा, जो कि आपदा प्रबंधन के तकनीकी पहलुओं बारे जानकारी समाज में फैलाकर होगी। इस अवसर पर निदेशक जनंसपर्क सुनित मुखर्जी, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी- नवीन हुड्डा (यूटीडी), बिपिन (शारीरिक शिक्षा विभाग), डॉ. कृष्णा देवी, डॉ. अनीता (राजकीय महाविद्यालय, बिरोहड़), धर्मकौर (पं. एनआरएस राजकीय महाविद्यालय), डॉ. सरोज जैन (वैश्य महिला महाविद्यालय), डॉ. कर्मबीर गुलिया (राजकीय महाविद्यालय, दूबलधन) आदि उपस्थित रहे।