नियमित करने का मांगा लेटर, मिलीं लाठियां
जागरण संवाददाता, रोहतक : नियमित करने की मांग को लेकर प्रदेश भर के अतिथि अध्यापकों ने बृहस्पतिवार शहर में बवाल काटा। अतिथि प्रदेश सरकार से नियमित करने का लेटर देने की मांग कर रहे थे। अध्यापकों को लेटर तो नहीं मिला पुलिस की लाठियां जरूर मिल गई। हजारों की संख्या में प्रदर्शन करते हुए अतिथि अध्यापकों ने सीएम आवास का घेराव करने का प्रयास किया, लेकिन प्रशासन ने उन्हें सीएम आवास जाने से रोक दिया। सीएम आवास जाने की जिद पर अड़े अतिथि अध्यापकों को पुलिस ने लाठीचार्ज करते खदेड़ दिया तथा करीब 50 अध्यापकों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्रदर्शन से पूर्व प्रदेश भर के अतिथि अध्यापक हुडा सिटी पार्क में पहुंचे और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए प्रदेश सचिव भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार अतिथि अध्यापकों के साथ भेदभाव कर रही है। अन्य विभागों में जहां सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का कर दिया गया है वहीं अतिथि अध्यापक तीन वर्षीय पोलिसी की सभी शर्तो को पूरा करने के बाद भी नियमित होने को लेकर प्रदर्शन करने पर विवश है। उन्होंने कहा कि नियमित करने की मांग को लेकर अतिथि अध्यापक एक माह तक पंचकुला स्थित शिक्षा निदेशालय पर लगातार धरना प्रदर्शन कर चुके है लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में मुख्यमंत्री ने स्वयं भी माना था कि अतिथि अध्यापकों की मांग जायज है, जिसके बाद भी सरकार उन्हें नियमित करने में आनाकानी कर रही है। इस मौके पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के सचिव मास्टर बलबीर ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की सरकार नौ बार पोलिसी बना चुकी है जिसका कच्चे कर्मचारियों को एक बार भी लाभ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने दसवीं बार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की पालिसी बनाई है, जिसके तहत सभी शर्तो को पूरा करने के बाद भी अतिथि अध्यापकों को पक्का नहीं किया जा रहा। उन्होंने बताया कि शहीद राजरानी ने अतिथि अध्यापकों की मांग को लेकर ही अपने प्राण त्याग दिए थे, जिसकी शहादत को भुलाया नहीं जा सकता। इसके साथ ही सभी अतिथि अध्यापक विरोध प्रदर्शन करते हुए सीएम आवास को घेरने के लिए निकल पड़े। रास्ते में पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को रोका और लाठीचार्ज करते हुए उन्हें खदेड़ दिया। इस दौरान करीब 50 अध्यापकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
सड़क पर गुजारा दिन : नियमित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे अतिथि अध्यापक पौने दो बजे कड़ी धूप में सीएम आवास का घेराव करने के लिए निकले। प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को रास्ते में ही रोक लिया। प्रदर्शनकारी पूरा दिन सड़क पर बैठे रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। रात साढे बजे तक प्रदर्शनकारी सड़क पर ही बैठे रहे। विरोध प्रदर्शन में महिलाएं अपने साथ छोटे-छोटे बच्चों को भी लेकर आई, जिनमें नवजात बच्चे भी शामिल थे।
पुलिस-प्रशासन की अटकी रहीं सासें : अतिथि अध्यापकों के विरोध प्रदर्शन के दौरान अतिथि अध्यापकों के साथ-साथ पुलिस की शामत भी रही। करीब एक बजे से बेरीकेट लगाकर कड़ी धूप में सैकड़ों पुलिस कर्मी सड़क पर खड़े रहे। रात साढे आठ बजे तक पुलिस कर्मी बेरीकेट लगाकर प्रदर्शनकारियों के साथ मौके पर ही खड़े रहे।
बदला वाहनों का रूट : अतिथि अध्यापकों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने शीला बाईपास से वाहनों का रूट बदल दिया, वहीं बस स्टैंड के पास बने गोहाना बाईपास से वाहनों को निकालने की व्यवस्था की। इस दौरान प्रदर्शन के दोनों तरफ बेरिकेड्स लगाकर रास्ता रोक दिया गया था।